नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। देशभर के अनेक विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ही चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स की शुरुआत होने जा रही है। यूजीसी के मुताबिक, इस वर्ष देशभर के 105 विश्वविद्यालयों में 4 वर्षीय अंडरग्रैजुएट पाठ्यक्रम यानी एफवाईयूपी की शुरुआत हो रही है। देश के जिन प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है, उनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय व मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय शामिल हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मुताबिक, सभी छात्रों के लिए 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम मुहैया कराया जाएगा, लेकिन इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए छात्रों को बाध्य नहीं किया जाएगा। यदि छात्र चाहें तो वह पहले से चले आ रहे 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को ही जारी रख सकते हैं।
4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को लागू करने वाले विश्वविद्यालयों में 19 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 24 राज्यस्तरीय विश्वविद्यालय, 44 डीम्ड विश्वविद्यालय और 18 प्राइवेट विश्वविद्यालय शामिल हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों के लिए नए नियमों की घोषणा पहले ही कर चुका है। आयोग ने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों के लिए करिकुलम और क्रेडिट ढांचे के लिए नियम बनाए हैं। यूजीसी चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा कि एनईपी की सिफारिशों पर विचार करते हुए यूजीसी ने चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को संशोधित किया है और चार साल के यूजी कार्यक्रमों के लिए एक नया पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचा विकसित किया है।
फोर ईयर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) की रूपरेखा बीते वर्ष दिसंबर में सार्वजनिक की गई थी। इसके तहत यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रावधानों का पालन करते हुए छात्रों को तीन वर्षीय स्नातक डिग्री के साथ-साथ 4 वर्षीय ऑनर्स डिग्री हासिल करने का विकल्प प्रदान किया है। यूजीसी के मुताबिक, छात्रों को रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ चार वर्षीय स्नातक यूजी ऑनर्स की डिग्री मिलेगी।
यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार के मुताबिक, छात्र 120 क्रेडिट पूरा होने पर तीन वर्षीय यूजी डिग्री और 4 वर्ष में 160 क्रेडिट पूरा करने करने पर एफवाईयूपी ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे। रिसर्च स्पेशलाइजेशन के इच्छुक छात्रों को चार साल के अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ साथ ऑनर्स की डिग्री हासिल होगी।
यूजीसी का कहना है कि एफवाईयूपी में छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट जैसे महत्वपूर्ण विकल्प हैं। प्रोफेसर जगदीश कुमार के मुताबिक, विश्वविद्यालयों में पहले से ही दाखिला ले चुके छात्रों को भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा।
यूजीसी ने 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के विषय में और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही अन्य विश्वविद्यालय भी इस पाठ्यक्रम को शुरू करेंगे। यूजीसी के मुताबिक इस संदर्भ में कई विश्वविद्यालयों में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। चौथे वर्ष के लिए अतिरिक्त ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध हो जाने पर अगले वर्ष और अधिक संख्या में विभिन्न विश्वविद्यालय इस 4 वर्षीय अंडरग्रैजुएट पाठ्यक्रम को अपनाएंगे।
–आईएएनएस
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