नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। मानसून के सीजन में लोग कई तरह की बीमारियों का सामना कर रहे हैं। बुखार के साथ दूसरी शिकायतें लेकर मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, जिसमें पेट के इन्फेक्शन के मामले भी देखने को मिल रहे हैं।
वैसे तो पेट में इन्फेक्शन होना एक आम बात है। मगर इसे मानसून के मौसम में अनदेखा नहीं करना चाहिए। मानसून के मौसम में अक्सर दूषित भोजन या दूषित पानी पीने से गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट फ्लू) हो जाता है। यह परेशानी किसी भी आयु वर्ग में हो सकती है। वहीं बच्चों में इसे बेहद ही गंभीरता से लेने की जरूरत है।
इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें मरीज को कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें उल्टी होना, बुखार, दस्त, पेट में दर्द या ऐंठन या जी मिचलाना शामिल है। इसके अलावा भी मरीज को कई तरह की परेशानी आती है।
पेट इन्फेक्शन ज्यादातर उन मरीजों में अधिक परेशानी लेकर आता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। कई लोग इसे इन्फ्लूएंजा से जोड़कर देखते हैं मगर यह इससे बिल्कुल अलग है। पेट में इन्फेक्शन का असर मरीज की आंतों पर पड़ता है।
पेट के इन्फेक्शन को घरेलू उपायों और कुछ खास तरह की दवाइयों से घर पर ही ठीक किया जा सकता है। यह बीमारी ठीक होने में लगभग एक सप्ताह का समय लेती है।
देशभर में पेट के इन्फेक्शन के बढ़ते मामलों को लेकर आईएएनएस ने दिल्ली के ईएसआईसी (इंदिरा गांधी) अस्पताल झिलमिल के सीनियर रेजिडेंट डॉ. युगम प्रसाद शांडिल्य से बात की।
डॉ. युगम ने बताया कि इस समय पूरा भारत मानसून में हो रही बीमारियों से पीड़ित है। बरसात के मौसम में इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक हो जाता है। ऐसे मौसम में हम लोग कोशिश करते हैं कि ऑपरेशन न करें। बहुत इमरजेंसी आने पर ही हम इस मौसम में ऑपरेशन कराने की सलाह देते हैं।
डॉक्टर ने कहा, ‘’इस मौसम में सबसे ज्यादा इन्फेक्शन दूषित पानी पीने से ही फैलता है, जिसमें लोगों को पेट दर्द, बुखार और मौसमी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस सीजन में पेट की परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है।
उन्होंने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि जहां तक हो सके इस सीजन में साफ पानी ही पीएं। बाहर का खाना बिल्कुल भी न खाएं। ऐसे में खासतौर पर हाइजीन का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि रोड साइड बिकने वाले फूड से बीमार होने का खतरा अधिक होता है।
आगे कहा कि अस्पताल में पेट के इन्फेक्शन की समस्या लेकर रोजाना कई मरीज आते हैं।
डॉ. युगम ने ऐसे में सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि किसी भी मरीज को अगर उल्टी, बुखार, दस्त, पेट में दर्द जैसी समस्या आती है तो सबसे पहले हमें अपनी डाइट में साफ पानी की मात्रा को बढ़ा देना चहिए। साथ ही ऐसे में उन्होंने मरीजों को ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) घोल पीने की सलाह दी है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें जिससे सही समय पर मरीज का इलाज किया जा सके।
–आईएएनएस
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