नई दिल्ली, 2 मई (आईएएनएस)। मजबूत मांग के दम पर देश के विनिर्माण क्षेत्र में अप्रैल में भी तेज वृद्धि दर्ज की गई, हालांकि इसकी दर मार्च में दर्ज ऐतिहासिक उच्चतम स्तर से मामूली रूप से कम रही। गुरुवार को जारी एचएसबीसी सर्वे में यह तथ्य समाने आया है।
राजमार्गों, रेलवे, पावर प्लांट और बंदरगाहों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकारी निवेश के दम पर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। इनका रोजगार सृजन और आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा जिससे वस्तुओं और सेवाओं की घरेलू मांग बढ़ी है।
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी फाइनल इंडिया विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अप्रैल में 58.8 दर्ज किया गया जो मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। यह मार्च के 59.1 के रिकॉर्ड स्तर से मामूली रूप से कम है।
सूचकांक लगातार 34वें महीने सकारात्मक रहा है। इसका 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में वृद्धि और उससे कम रहना गिरावट को दिखाता है। सूचकांक का 50 का स्तर स्थिरता दिखाता है।
भारत के लिए एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “मजबूत मांग के कारण अप्रैल के विनिर्माण पीएमआई में पिछले साढ़े तीन साल की दूसरी सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गई।”
कंपनियों ने मांग के मजबूत बने रहने की आशा व्यक्त की है जिससे कारोबारी उम्मीद में सुधार हुआ। उन्होंने अगले एक साल में उत्पादन बढ़ाने की भी बात कही। इसी कारण कंपनियों अप्रैल में नई नौकरियां दीं। कच्चे माल की लागत और कर्मचारियों के वेतन में भी वृद्धि हुई है।
आईएमएफ द्वारा पिछले महीने जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था।
–आईएएनएस
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