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देहरादून में पेड़ों को बचाने के लिए 23 जून को प्रदर्शन

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June 19, 2024
in ताज़ा समाचार
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देहरादून में पेड़ों को बचाने के लिए 23 जून को प्रदर्शन
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देहरादून, 19 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड को प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां विकास भी खूूब हो रहा है। अब, देहरादून में दिलाराम चौक से सीएम आवास के आसपास पेड़ों के कटान की ‘कथित योजना’ का पर्यावरण प्रेमी विरोध कर रहे हैं। 23 जून को पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटान की योजना के विरोध में राजधानी देहरादून में प्रदर्शन करेंगे।

पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

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हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

–आईएएनएस

स्मिता/एबीएम

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देहरादून, 19 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड को प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां विकास भी खूूब हो रहा है। अब, देहरादून में दिलाराम चौक से सीएम आवास के आसपास पेड़ों के कटान की ‘कथित योजना’ का पर्यावरण प्रेमी विरोध कर रहे हैं। 23 जून को पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटान की योजना के विरोध में राजधानी देहरादून में प्रदर्शन करेंगे।

पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

–आईएएनएस

स्मिता/एबीएम

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देहरादून, 19 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड को प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां विकास भी खूूब हो रहा है। अब, देहरादून में दिलाराम चौक से सीएम आवास के आसपास पेड़ों के कटान की ‘कथित योजना’ का पर्यावरण प्रेमी विरोध कर रहे हैं। 23 जून को पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटान की योजना के विरोध में राजधानी देहरादून में प्रदर्शन करेंगे।

पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

–आईएएनएस

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देहरादून, 19 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड को प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां विकास भी खूूब हो रहा है। अब, देहरादून में दिलाराम चौक से सीएम आवास के आसपास पेड़ों के कटान की ‘कथित योजना’ का पर्यावरण प्रेमी विरोध कर रहे हैं। 23 जून को पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटान की योजना के विरोध में राजधानी देहरादून में प्रदर्शन करेंगे।

पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

–आईएएनएस

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देहरादून, 19 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड को प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां विकास भी खूूब हो रहा है। अब, देहरादून में दिलाराम चौक से सीएम आवास के आसपास पेड़ों के कटान की ‘कथित योजना’ का पर्यावरण प्रेमी विरोध कर रहे हैं। 23 जून को पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटान की योजना के विरोध में राजधानी देहरादून में प्रदर्शन करेंगे।

पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

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पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

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देहरादून, 19 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड को प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां विकास भी खूूब हो रहा है। अब, देहरादून में दिलाराम चौक से सीएम आवास के आसपास पेड़ों के कटान की ‘कथित योजना’ का पर्यावरण प्रेमी विरोध कर रहे हैं। 23 जून को पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटान की योजना के विरोध में राजधानी देहरादून में प्रदर्शन करेंगे।

पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

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पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि सीधे शब्दों में कहूं, तो मैं ये कहूंगा कि उस विकास में मनुष्य या हर प्राणी के जीवन के लिए कोई चिंता या जगह ही नहीं, वो बेवकूफी का विकास है। एक सपना है कि 2047 में विकसित भारत बनेगा। लेकिन, जिस राह पर हम चले हैं, उसी राह पर अगर हम चलते रहे, तो 2047 तो छोड़िए, 2037 तक ये पूरी घाटी वीरान हो जाएगी। यहां पर जीवन असंभव हो जाएगा। हरिद्वार का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि आप लोग सब मोटर बाइक पर अपने काम पर जाते हो, आपको लू के थपेड़े पड़ते हैं। हम सब उसे झेल रहे हैं। प्राकृतिक जंगल को काटकर, पेड़ों को काटकर हम यहां पर एक कंक्रीट का जंगल बना दिए हैं। 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक इस दशक में टेम्परेचर चला जाए, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में जीना काफी मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देहरादून का तापमान 49 डिग्री पहुंच गया। देहरादून में ऐसा तो कभी नहीं हुआ। इससे आम आदमी परेशान है। जो आदमी एसी नहीं लगा सकता, कूलर नहीं खरीद सकता, उसका जीवन कैसे बीतेगा, इसकी चिंता किसे होगी? उस कष्ट से हमें बचना है और क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान से सावधान रहना है। सबसे बढ़िया उपाय है पेड़ों की रक्षा करना। हमें पेड़ बचाना और लगाना है।

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