देहरादून, 3 मार्च (आईएएनएस)। देहरादून स्थित राजभवन में 7 से 9 मार्च तक वसंतोत्सव का आयोजन किया जाएगा। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने इस आयोजन को लेकर एक कर्टन रेजर जारी किया और इस उत्सव के महत्व के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने बताया कि इस बार भी आम जनता को इस कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जैसा कि पहले होता आया है।
राज्यपाल ने बताया कि इस आयोजन के दौरान राजभवन में लोग बिना किसी शुल्क के प्रवेश कर सकेंगे और विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। इस तीन दिवसीय उत्सव में कई प्रकार की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें प्रदेश भर के पुष्प व्यवसाय से जुड़े किसान भी भाग लेंगे। इस बार, वसंतोत्सव में कुछ खास विशेषताएं भी होंगी।
राज्यपाल ने कहा कि यह पहला अवसर है जब दिल्ली के औद्योगिक सौंदर्यीकरण के प्रमुख उद्यान अधिकारी को इस आयोजन से जोड़ा गया है। इसके अलावा, राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान के उद्यान अधिकारी और तेलंगाना के सार्वजनिक उद्यान विभाग के अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस प्रयास से उत्तराखंड की उद्यानों की विशेषताओं और उपलब्धियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने की योजना है।
राज्यपाल ने आगे बताया कि इस बार गोविन्द बल्लभ पंत कृषि और अनुसंधान विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण शोध का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इस शोध में उत्तराखंड में शहद उत्पादन की संभावनाओं पर विस्तृत अध्ययन किया गया है। राज्यपाल ने बताया कि उत्तराखंड में वर्तमान में 2 से 3 हजार टन शहद उत्पादन हो रहा है, लेकिन राज्य की क्षमता लगभग 60 हजार मीट्रिक टन है। इस शोध के परिणाम स्वरूप शहद उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखंड की क्षमता को और बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।
इसके अलावा, उत्तराखंड के प्रसिद्ध “अरोमा” क्षेत्र, यानी सुगंध पौधों की खेती को लेकर भी विशेष प्रदर्शन किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत हो चुकी है, और इस विषय पर एक विस्तृत प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि इस वर्ष वसंतोत्सव में 35 विभागों की सहभागिता होगी, जो विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा, 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया जाएगा और इसे वसंतोत्सव के हिस्से के रूप में मनाया जाएगा। यह आयोजन एक अवसर होगा, जब लोग वसंत ऋतु की खुशियों को मनाते हुए राज्य की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को नजदीक से देख सकेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने भगवान से आशीर्वाद की कामना करते हुए इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आह्वान किया।
–आईएएनएस
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