रांची, 9 जनवरी (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने दो दिवंगत जस्टिस की पत्नियों को सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख तक इस मामले में सरकार को पक्ष रखने को कहा है।
दरअसल, हाईकोर्ट के दो दिवंगत जस्टिस स्व. प्रदीप कुमार की पत्नी मीता कुमार और स्व. प्रशांत कुमार की पत्नी अलका श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर झारखंड सरकार की ओर से वर्ष 2015 में जारी एक सरकारी संकल्प का हवाला देते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराने का आग्रह किया था।
कोर्ट ने इस पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे याचिका में बदल दिया और इस मामले में राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी, कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव, वित्त सचिव एवं हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रतिवादी बनाया है।
–आईएएनएस
एसएनसी/एबीएम
रांची, 9 जनवरी (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने दो दिवंगत जस्टिस की पत्नियों को सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख तक इस मामले में सरकार को पक्ष रखने को कहा है।
दरअसल, हाईकोर्ट के दो दिवंगत जस्टिस स्व. प्रदीप कुमार की पत्नी मीता कुमार और स्व. प्रशांत कुमार की पत्नी अलका श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर झारखंड सरकार की ओर से वर्ष 2015 में जारी एक सरकारी संकल्प का हवाला देते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराने का आग्रह किया था।
कोर्ट ने इस पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे याचिका में बदल दिया और इस मामले में राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी, कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव, वित्त सचिव एवं हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रतिवादी बनाया है।
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एसएनसी/एबीएम