नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। कर्नाटक के धारवाड़ में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दो पूर्व आयकर अधिकारियों को रिश्वत मामले में चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अभिषेक त्रिपाठी और आलोक तिवारी के रूप में पहचाने गए अधिकारियों पर 1,10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
सीबीआई ने आईटी अधिनियम की धारा 276-बी के तहत शुरू की गई अभियोजन कार्यवाही को छोड़ने के लिए एक व्यक्ति से अवैध रिश्वत मांगने के आरोप में आयकर अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
बेलगावी में आयकर अधिकारी, टीडीएस के रूप में कार्यरत त्रिपाठी ने उस व्यक्ति से रिश्वत के रूप में चार लाख रुपये की मांग की थी, जब वह देर से कर की चूक के लिए अपनी कंपनी को 2015 में जारी कारण बताओ नोटिस के बारे में पूछताछ करने आईटी कार्यालय आया था।
बाद में रिश्वत को घटाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया और त्रिपाठी ने शिकायतकर्ता को अपने सहयोगी तिवारी को राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया, जिसने बदले में रिश्वत को एक निजी व्यक्ति को सौंपने का निर्देश दिया।
सीबीआई ने जाल बिछाया और अधिकारियों की ओर से रिश्वत लेते एक निजी व्यक्ति को पकड़ लिया।
विवेचना के बाद आरोपी के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया गया। ट्रायल कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को दोषी ठहराया और निजी व्यक्ति को बरी कर दिया।
–आईएएनएस
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