नागौद, देशबन्धु. कृषि उपज मंडी प्रांगण में विपणन सहकारी समिति को धान खरीदी उपार्जन केंद्र बनाया गया है. चबूतरा क्रमांक 4 एवं 5 मंडी द्वारा समिति को खरीदी केंद्र के लिए आवंटित किया गया है. धान की बंपर आवक होने के कारण पूरे प्रांगण में किसानों की धान फैली हुई है, जिस कारण गुरुवार को डाक नीलामी नहीं हो सकी. किसान एवं व्यापारी दोनों परेशान रहे क्योंकि मंडी गेट से अंदर किसान की उपज नहीं पहुंच पा रही एवं मंडी के अंदर व्यापारियों को खरीदने के लिए स्थान भी नहीं बचा. ऐसी स्थिति प्रतिवर्ष निर्मित होती है, लेकिन प्रशासन बेखबर हो जाता है.
उपार्जन केंद्र के लिए मंडी में निर्धारित चबूतरा आवंटित किया गया है, लेकिन मंडी में स्थित यह है कि सभी चबूतरों एवं प्रांगण में किसानों की धान रखी हुई है. जिससे मंडी में स्थान उपलब्ध नहीं होने कारण किसान अपनी उपज का विक्रय नहीं कर पा रहा और व्यापारी भी अनाज खरीद नहीं पा रहे हैं. किसानों को मंडी के बाहर होने वाले औने पौने दामो में अपनी उपज फुटकर खरीदारों को बेचना पड़ रहा है.
व्यापारियों ने लिखित शिकायत मंडी प्रबंधन से की थी कि उन्हें खरीदी के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाए, मंडी सचिव ने विपणन सहकारी समिति को निर्धारित स्थल में धान खरीदी करने के लिए लिखित रूप से निर्देशित किया था लेकिन स्थिति मैं कोई सुधार नहीं हुआ. मंडी परिसर में चारों तरफ धान ही धान रखी हुई है, जिस कारण से मंडी में दूसरी जिंसों का क्रय विक्रय स्थान नहीं होने के कारण नहीं हो पा रहा. किसान एवं व्यापारी दोनों परेशान हैं, विपणन सहकारी समिति द्वारा खरीदी गई धान का उठाव गति से हो रहा है, लेकिन उससे ज्यादा आवक हो जाती है. जिस कारण मंडी बंद होने की स्थिति में पहुंच गई. आखिरकार मंडी का कारोबार ठप हो गया.
उपार्जन केंद्र में धान की आवक ज्यादा होने के कारण पैर रखने की जगह नहीं है. कर्मचारी गेट से ऑफिस तक नहीं जा सकते, ऐसी स्थिति निर्मित हो गई है. स्थान अभाव के कारण गुरुवार को डाक नीलामी नहीं हो पाई है. भारसाधक अधिकारी को अवगत कराया गया है, शीघ्र व्यवस्था कराई जाएगी कि मंडी का कारोबार पहले जैसा संचालित हो सके.
– हरवंश मिश्रा
प्रभारी सचिव, कृषि उपज मंडी नागौद
मंडी सचिव को लिखित रूप से अवगत कराया गया था कि उपार्जन केंद्र में किसानों की धान आवंटित स्थल में व्यवस्थित तरीके से रखवाई जाए. लेकिन अव्यवस्था के चलते मंडी में पैर रखने की जगह नहीं बची. गेट से अंदर जाना दुर्लभ है. मंडी प्रशासन की मनमानी के चलते ऐसी स्थिति निर्मित हुई है. उपार्जन केंद्र के अलावा मंडी में क्रय विक्रय करने आने वाले किसानों एवं व्यापारियों के लिए जगह नहीं बची.
– रामराज सिंह
अध्यक्ष, गल्ला तिलहन व्यापारी संघ
अनाज लेकर मंडी बेचने आया लेकिन इतनी भीड़ थी कि गेट के अंदर जाना मुश्किल था. इसलिए पुरानी मंडी में फुटपाथ अनाज खरीदारों को अनाज बेचकर वापस लौट आया. क्योंकि मुझे पैसों की आवश्यकता थी.
– रामदीन लोधी, किसान