जबलपुर, देशबन्धु. जिले में समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी का 23 जनवरी को अंतिम दिन था, इस बार धान उपार्जन के लिए जो खरीदी का लक्ष्य 4 लाख मीट्रिक टन रखा गया था वह पूरा नहीं हो पाया बल्कि धान खरीदी 3 लाख 80 हजार मीट्रिक टन पर सिमट गई. जबकि बीते वर्ष खरीदी का आंकड़ा 5 लाख टन से ज्यादा था.
इस बार धान खरीदी में 55 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया था. जानकारों का कहना है कि इस बार बाजार में धान का मूल्य समर्थन मूल्य से कम था, बावजूद इसके समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी बीते वर्ष के मुकाबले कम रही. हालाकि जिले में कम धान खरीदी के पीछे कम उत्पादन को भी माना जा रहा है.
धान उपार्जन में इस बार भी किसानों को असुविधा और अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा, वहीं कई केन्द्र दूर होने के कारण भी किसानों को अपनी उपज केन्द्र तक ले जाने में अधिक खर्च उठाने के साथ-साथ परिवहन की परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. इसके अलावा कहीं बारदाना की किल्लत तो कहीं कमीशन लेने की चर्चा का बाजार भी गर्म रहा. सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में किसानों को देर से भुगतान की परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है क्योंकि भुगतान की गति अभी भी कमजोर बनी हुई है.