कोलकाता, 21 फरवरी (आईएएनएस)। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मंगलवार को दावा किया कि नई और आधुनिक सुरक्षा तकनीकों को अपनाने से 2022 के दौरान सीआईएल खदानों में होने वाली मौतों और घातक दुर्घटनाओं की संख्या में रिकॉर्ड कमी आई है।
सीआईएल द्वारा यहां मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, 2022 के दौरान मृत्युदर 20 के सर्वकालिक निम्न स्तर पर पहुंच गई, जो 2021 के पिछले वर्ष के दौरान 29 के आंकड़े से 31 प्रतिशत कम है।
बयान के अनुसार, 2022 के दौरान घातक दुर्घटनाएं भी 2021 में 27 से एक तिहाई घटकर 18 रह गईं।
बयान में कहा गया, 2022 में उत्पादित प्रति मिलियन टन कोयले की मृत्युदर 0.028 थी, जो 2021 के 0.047 के मुकाबले 40 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी थी। संदर्भित अवधि के दौरान कोयले का उत्पादन 71 मिलियन टन बढ़ गया है। सीआईएल ने कैलेंडर वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 688 मिलियन टन का उत्पादन किया। पिछले वर्ष 2022 में 617 मिलियन टन उत्पादन हुआ था।
प्रबंधन ने दावा किया है कि सीआईएल ने इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के 100 अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि उन्हें उपर्युक्त तकनीकों से लैस किया जा सके और अंतर्निहित सुरक्षा खतरों को हल किया जा सके।
इसने टूल बॉक्स सेफ्टी टॉक को अपनाने का भी दावा किया है, जिसने खनन अधिकारियों को खनन कार्य शुरू करने से पहले सुरक्षा संबंधी खतरों का आकलन करने में मदद की।
सीआईएल के बयान में कहा गया है, सुरक्षा पर्यवेक्षकों के पास खनिकों के साथ सुरक्षा के मुद्दों पर बातचीत होती है। व्यापक स्तर पर सुरक्षा सतर्कता पैदा करने के लिए खदान बचाव और सुरक्षा प्रतियोगिताओं को समय-समय पर खदान, क्षेत्र और कंपनी के स्तर पर आयोजित किया जाता है।
इसके अनुसार, सीआईएल की सहायक कंपनी, वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को सितंबर 2022 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय खदान बचाव प्रतियोगिता में खान बचाव कौशल श्रेणी में तीसरा स्थान दिया गया था।
–आईएएनएस
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