बीजिंग, 1 मई (आईएएनएस)। सौ साल में अभूतपूर्व स्थिति के समक्ष चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नए विकास की स्थिति तैयार करने की रणनीति प्रस्तुत की। इस रणनीति को दोहरा चक्र कहा जाता है, जिसका मतलब है कि वृहद घरेलू चक्र प्रधान होगा और घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय चक्र एक दूसरे को बढ़ावा देते हैं। यह चीनी आर्थिक उन्नयन की चाबी है।
वृहद घरेलू चक्र घरेलू मांग के विस्तार, वैज्ञानिक व तकनीकी नवाचार और व्यावसायिक श्रृंखला के अपडेट के माध्यम से आर्थिक नींव मजबूत करता है और बाहरी खतरे की रोकथाम करता है। अंतर्राष्ट्रीय चक्र विदेश व्यापार से तकनीक, संसाधन व बाजार प्राप्त करता है। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय चक्र गतिशील संतुलन बनाए रखता है।
पिछले 40 साल में चीन ने निर्यात अभिमुख अर्थव्यवस्था के जोरशोर विकास से आर्थिक उत्थान पूरा किया। लेकिन, इस मॉडल में दो समस्याएं भी मौजूद हैं। पहला, अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर अति निर्भरता है। दूसरा, चीन लंबे समय तक वैश्विक व्यावसायिक चेन के निचले स्थान पर है और कुंजीभूत तकनीकें दूसरों के हाथ में है। एक टिपिकल मिसाल यही है कि 10 करोड़ जूतों के निर्यात से प्राप्त आय सिर्फ एक यात्री विमान खरीद सकती है।
इसके साथ चीन की घरेलू स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में गहरा बदलाव आया है। चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10 हजार अमेरिकी डॉलर पार कर गई है और मध्यम आय वाले लोगों की संख्या 40 करोड़ से अधिक हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर व्यापार संरक्षणवाद बढ़ रहा है और अमेरिका चीन के विकास को निरंतर दबा रहा है।
ऐसी स्थिति में चीन पूर्व मॉडल से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोहरे चक्रों की ओर परिवर्तित होने लगा। शी चिनफिंग के विचार में सिर्फ स्वावलंबन पर आधारित होकर वृहद घरेलू चक्र की सुगमता साकार करने से ही अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति के बदलाव के बावजूद चीनी अर्थव्यवस्था हमेशा जीवंत और विकसित रहेगी। इसके साथ सृजन से संचालित आर्थिक विकास से हाई टेक क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त होगी। इस दौरान चीन का द्वार हमेशा खुला रहेगा।
शी ने कहा था कि चीनी अर्थव्यवस्था सागर है, न कि एक छोटा तालाब। चीन अपने गुणवत्ता विकास और उच्च स्तरीय खुलेपन के विस्तार से विश्व को अधिक स्थिरता और नए अवसर ला रहा है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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