इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है।
एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है।
एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
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इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
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एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है।
एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है।
एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है।
एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है।
एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
–आईएएनएस
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इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है।
एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है।
जिले के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं। ऐसा अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटों में लगभग दो दर्जन गांव और बस्तियां जलमग्न हो सकती हैं।
एनडीएमए ने कहा कि प्रशासन को 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर चिनाब नदी के त्रिम्मू और रावी के जस्सर क्षेत्रों की निगरानी रखने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पंजाब और राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। इसके अलावा आंधी के साथ भी बारिश की संभावना है।
बारिश के कारण सिंधु और अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और अधिक तीव्र हो सकती है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने भी बुधवार को कम से कम 325,700 क्यूसेक के इन्फ्लो के साथ विभिन्न रिम स्टेशनों से कम से कम 283,200 क्यूसेक पानी छोड़ा।