नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किए गए 35 वर्षीय एक व्यक्ति को शनिवार को पाकिस्तान पंजाब के ननकाना साहिब में थाने में ही पीट-पीटकर मार डाला गया था, मीडिया रिपोर्ट्स में शनिवार को यह जानकारी सामने आई।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, आदमी को मारने के बाद हिंसक भीड़ ने नग्न शरीर को सड़कों पर घसीटा और लोगों ने उस पर लाठियां बरसाई और पत्थर फेंके।
पीड़ित पर कथित रूप से पवित्र कुरान का अपमान करने का आरोप लगाया गया था, जबकि स्थानीय लोगों का दावा था कि वह जादू टोना में शामिल था। आरोप के बाद उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया। हालांकि, घटना की खबर इलाके में फैलते ही बाद में भीड़ पुलिस थाने पर जमा हो गई। भीड़ ने पुलिस से आरोपी को सौंपने की मांग की।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में भीड़ को पुलिस स्टेशन के बड़े गेट को जबरदस्ती खोलते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद भीड़ इमारत में घुस गई। भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आरोपी को पीट-पीटकर मार डाला, और फिर नग्न शरीर को सड़कों पर घसीटा।
एक ट्वीट में लिखा गया, बिल्कुल पागलपन!!! ननकाना साहिब में गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया। कथित तौर पर ईशनिंदा के एक आरोपी को मार दिया गया और उसके शरीर को भीड़ ने जला दिया। जाहिर है, पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थ थी। एक दूसरे वीडियो में बच्चों को दिखाया गया है- कथित तौर पर भीड़ का हिस्सा- थाने के अंदर टूटे शीशे और फर्नीचर को बिखरे हुए देखा जा सकता है।
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ननकाना साहिब की घटना के जवाब में, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मामले की जांच का आदेश दिया और हिंसक भीड़ को रोकने में पुलिस की विफलता के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। एक बयान के जरिए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानून के शासन को बनाए रखा जाना चाहिए और किसी को भी कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि शांति और व्यवस्था बनाए रखना इसमें शामिल संस्थानों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक उस्मान अनवर ने मॉब लिंचिंग को रोकने में विफल रहने पर दो वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि आईजी ने ननकाना साहिब सर्कल के पुलिस उपाधीक्षक नवाज वारक और वारबर्टन एसएचओ फिरोज भट्टी को निलंबित कर दिया है।
आईजी ने कहा, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।
डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (पीयूसी) के अध्यक्ष ताहिर महमूद अशरफी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी पर हमला किया, वह खेदजनक है।
–आईएएनएस
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