अमरावती, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। हाल ही में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) से इस्तीफा देने वाले नरसापुरम के सांसद के. रघु राम कृष्ण राजू शुक्रवार को तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गए।
नरसापुरम के सांसद, जिन्हें भाजपा ने उसी निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया था, पश्चिम गोदावरी जिले के पलाकोल्लू में एक सार्वजनिक रैली में पार्टी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू की उपस्थिति में औपचारिक रूप से टीडीपी में शामिल हो गए।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि टीडीपी प्रमुख की पहल से वह एक बार फिर लोगों के बीच हैं और चंद्रबाबू नायडू तथा जनता के ऋणी रहेंगे। उन्होंने भविष्यवाणी की कि 4 जून को चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण सनसनी मचा देंगे।
इस साल फरवरी में वाईएसआरसीपी से इस्तीफा देने वाले राजू भाजपा का टिकट चाह रहे थे क्योंकि टीडीपी, जन सेना और भाजपा के बीच सीट-बंटवारे में नरसापुरम सीट भगवा पार्टी के खाते में गई थी।
हालांकि, उन्हें भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया क्योंकि वह औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल नहीं हुए थे और भाजपा ने श्रीनिवास वर्मा को मैदान में उतारा।
पार्टी में राजू का स्वागत करते हुए, टीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने लोकतंत्र को बचाने के लिए “साइको” (आंध्र के सीएम वाई.एस.) जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ पांच साल तक लड़ाई लड़ी थी।
नायडू ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राजू को उनके ही निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया था और पुलिस ने उन्हें पूरी रात प्रताड़ित किया था।
उन्होंने कहा, “तानाशाह जगन ने इन पांच वर्षों में विपक्ष और उनकी अराजकता पर सवाल उठाने वालों को दबा दिया है। कई लोगों को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है और बदतर परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, और कुछ लोगों ने आत्महत्या कर ली है।”
राजू ने 24 फरवरी को वाईएसआरसीपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और पार्टी अध्यक्ष मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को बताया कि उन्हें संसदीय सदस्यता से अयोग्य घोषित कराने के उनके कई प्रयासों के वांछित परिणाम नहीं मिले हैं।
सांसद ने जनवरी 2022 में कहा था कि अगर वाईएसआरसीपी उन्हें अयोग्य घोषित कराने में विफल रही, तो वह इस्तीफा दे देंगे और उपचुनाव लड़ेंगे।
वाईएसआरसीपी के टिकट पर 2019 में नरसापुरम से लोकसभा के लिए चुने गए राजू ने पार्टी की नीतियों की खुलेआम आलोचना करके 2020 में विद्रोह का झंडा उठाया। जुलाई 2020 में वाईएसआरसीपी ने उनके खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अयोग्यता याचिका सौंपी थी। पार्टी नेताओं ने स्पीकर के संज्ञान में यह बात लाई थी कि राजू पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका आचरण बेहद संदिग्ध था और वह पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए सदन के सदस्य के रूप में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं। उन पर विपक्षी दल के नेताओं के साथ मेल-जोल रखने और जगन मोहन रेड्डी तथा पार्टी के अन्य सदस्यों के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया गया था।
–आईएएनएस
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