अंकारा, 30 जनवरी (आईएएनएस)। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा है कि तुर्की नाटो में शामिल होने के संबंध में फिनलैंड के प्रयासों पर कुछ अलग तरीके से जवाब दे सकता है, जो स्वीडन को हैरान कर देगा।
एर्दोगन ने रविवार को बिलेसिक के उत्तर-पश्चिमी प्रांत में एक बैठक में कहा, यदि आवश्यक हुआ तो तो हम फिनलैंड को अलग तरह से जवाब दे सकते हैं। जब हम फिनलैंड को अलग तरह से जवाब देंगे तो स्वीडन चौंक जाएगा। लेकिन फिनलैंड को वही गलती नहीं करनी चाहिए।
तुर्की ने प्रत्यर्पण के लिए स्वीडन को 120 आतंकवादियों की एक सूची सौंपी। तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, नाटो में शामिल होने के लिए नॉर्डिक देश को इन लोगों को प्रत्यर्पित करना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार है कि एर्दोगन ने संकेत दिया कि अंकारा एक अलग दृष्टिकोण के साथ स्वीडन और फिनलैंड की नाटो सदस्यता की पुष्टि का मूल्यांकन कर सकता है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन में कुरान की प्रति जलाने के बाद तुर्की ने फरवरी में नाटो में शामिल होने के संबंध में स्वीडन और फिनलैंड के साथ प्रस्तावित त्रिपक्षीय बैठक स्थगित कर दी है।
स्वीडन और फिनलैंड ने मई 2022 में नाटो में शामिल होने के लिए अपने औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया था, जिस पर इन देशों पर तुर्की विरोधी कुर्द संगठनों और राजनीतिक असंतुष्टों के समर्थन का हवाला देते हुए नाटो सदस्य देश तुर्की ने आपत्ति जताई थी।
एक महीने बाद तुर्की, स्वीडन और फिनलैंड मैड्रिड, स्पेन में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन से पहले एक समझौते पर पहुंचे।
समझौते के तहत अंकारा फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने के संबंध में अपना वीटो उठाने पर सहमत हो गया। इसके बदले में उसने नार्डिक देशों से आतंकवाद के खिलाफ तुर्की की लड़ाई का समर्थन करने और संदिग्ध आतंकियों का प्रत्यर्पण करने की मांग की।
लेकिन तुर्की की संसद ने नॉर्डिक देशों के अनुरोध का अभी स्वीकार नहीं किया है।
–आईएएनएस
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