लखीमपुर खीरी, 14 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के निघासन कांड के चारों दोषियों को सोमवार को जिला अदालत ने सजा सुनाई। कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास और दो को छह-छह वर्ष की सजा दी है।
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो अधिनियम) बृजेश पांडेय ने बताया कि निघासन कांड में विशेष पॉक्सो कोर्ट में जिला न्यायाधीश राहुल सिंह ने मामले की सुनवाई की।
इस दौरान दो आरोपियों जुनैद और सुनील उर्फ छोटू को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 46-46 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया।
इसके अलावा करीमुद्दीन और आरिफ को छह-छह वर्ष कैद की सजा सुनाने के साथ पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने चारों आरोपियों को 11 अगस्त को दोषी करार देते हुए 14 अगस्त की तारीख सजा सुनाने के लिए तय की थी।
स्थानीय वकीलों से मिली जानकारी के अनुसार निघासन थाना क्षेत्र में दो सगी बहनों से दुष्कर्म और हत्या मामले में एडीजे (पॉक्सो एक्ट) राहुल सिंह की अदालत ने 10 महीने 27 दिन तक चली सुनवाई के बाद छोटू उर्फ सुनील, जुनैद, आरिफ और करीमुद्दीन को दोषी पाया।
इस प्रक्रिया के दौरान परिजन समेत 15 लोगों की गवाही हुई, 24 दस्तावेजी साक्ष्य सौंपे गए, साथ ही 40 वस्तु जनित साक्ष्य सौंपे गए। दोनों बहनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आयु प्रमाणपत्र, कपड़ों को बतौर साक्ष्य शामिल किया गया।
अदालत ने 126 पेज में दोषियों के गुनाह तय किए हैं। 11 अगस्त को कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को दोषसिद्ध करार दिया था।
गौरतलब है कि 14 सितंबर, 2022 को निघासन कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की दो दलित नाबालिग बहनों का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
दोनों किशोरियों के शव गांव के पास गन्ने के खेत के पास एक पेड़ से लटके पाए गए थे।
–आईएएनएस
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