नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली के अशोक विहार इलाके में नौ साल के बच्चे की नाले में डूबने से हुई मौत पर दिल्ली के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी की राज्य सरकार और दिल्ली नगर निगम पर अपने काम में कोताही का आरोप लगाया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने राज्य में ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जहां कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं करता है। रविवार को एक नौ साल के नाबालिग बच्चे की जान इसलिए चली गई। वह दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के सार्वजनिक शौचालय में गया था, जो दिल्ली सरकार के अधीन एक विभाग है। इलाके का सार्वजनिक शौचालय गंदगी से भरा हुआ था। वह शौच करने के लिए बाहर नाले में चला गया जहां उस बच्चे की मौत हो गई। नाले की देखभाल नगर निगम द्वारा की जाती है। गंदगी बाहर नाले में जाती है, जो दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का नाला है। मेंटेनेंस एमसीडी को करनी है। उस नाले में जाकर बच्चे की मौत हो गई।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में जुलाई से अगस्त तक ऐसे 20-22 मामले सामने आए हैं, जहां जलभराव, बिजली का झटका या सड़क दुर्घटना के कारण लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने दिल्ली की मंत्री आतिशी पर आरोप लगाया कि वह जिम्मेदारी लेने की बजाय अधिकारियों पर दोष मढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि आप के मंत्री भत्ते, कार और बंगले जैसी सुविधाओं का आनंद लेते हैं, लेकिन अपने कर्तव्यों को नहीं जानते और भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त हैं।
सचदेवा ने टूटी सड़कों, उफनती नालियों और अन्य नागरिक समस्याओं जैसे मुद्दों को उठाते हुए कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में लोग डूबकर मर रहे हैं।
प्रिंस नाम का नौ साल का यह बच्चा रविवार सुबह से अशोक विहार इलाके के उधम सिंह पार्क से लापता था।
प्रिंस अपने परिवार के साथ उधम सिंह पार्क के पास झुग्गियों में रहता था। चूंकि वह सुबह 9 बजे से लापता था, इसलिए परिवार ने अशोक विहार थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद परिवार और पुलिस दोनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी।
शाम को किसी ने पुलिस को सूचना दी कि लड़के को सुबह वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में नाले की ओर जाते देखा गया है।
जब पुलिस और परिवार के सदस्यों ने तलाश किया, तो उन्हें लड़के का शव मिला। स्थानीय लोगों की मदद से उसे बाहर निकाला गया और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नगर निगम पार्षद योगेश वर्मा ने कहा कि छह फीट चौड़ा और आठ फीट गहरा नाला दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के अंतर्गत आता है, लेकिन इसके रखरखाव और सफाई की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की है।
–आईएएनएस
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