नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को साझा समस्याओं पर सामूहिक कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित किया और सदस्यों को अनुरूप सलाह प्रदान करने में आईएमएफ की द्विपक्षीय निगरानी और क्षमता विकास के महत्व पर जोर दिया।
आईएमएफ एमडी के वैश्विक नीति एजेंडा में पहचानी गई प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए मोरक्को के माराकेच में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) की पूर्ण बैठक में भाग ले रहीं निर्मला ने हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि 2023 निरंतर अनिश्चितताओं का वर्ष रहा है और उन्होंने दुनिया भर में नीति निर्माताओं के सामने आने वाली कमजोर मध्यम अवधि की वृद्धि और नीतिगत व्यापार-बंद के बारे में चिंता जताई।
निर्मला ने वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेट के केंद्र में पर्याप्त रूप से संसाधनयुक्त आईएमएफ सुनिश्चित करने, आईएमएफ की ऋण देने की क्षमता को बढ़ाने और ऋण संकट को रोकने के लिए आईएमएफ के ऋण टूलकिट के माध्यम से सदस्यों को समर्थन सुनिश्चित करने के लिए आईएमएफ कोटा सुधारों के महत्व को दोहराया।
उन्होंने विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन नवाचारों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए एक सहायक आईपीआर व्यवस्था की जरूरत पर भी प्रकाश डाला और एमडी आईएमएफ के वैश्विक नीति एजेंडा में इस पर वैश्विक सहयोग की जरूरत पर जोर देने का स्वागत किया।
वित्तमंत्री ने डिजिटलीकरण पर आईएमएफ के फोकस का समर्थन किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया है कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा क्रांति से मिले सबक को वैश्विक सार्वजनिक भलाई के रूप में साझा किया जाए।
–आईएएनएस
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