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निर्वाचन आयोग ने झारखंड चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की

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September 24, 2024
in राष्ट्रीय
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निर्वाचन आयोग ने झारखंड चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की
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रांची, 24 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की टीम का दो दिवसीय दौरा मंगलवार को संपन्न हो गया।

आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 24 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की टीम का दो दिवसीय दौरा मंगलवार को संपन्न हो गया।

आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 24 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की टीम का दो दिवसीय दौरा मंगलवार को संपन्न हो गया।

आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

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वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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रांची, 24 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की टीम का दो दिवसीय दौरा मंगलवार को संपन्न हो गया।

आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

–आईएएनएस

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रांची, 24 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की टीम का दो दिवसीय दौरा मंगलवार को संपन्न हो गया।

आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

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भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध शराब, रुपयों का लेन-देन और ड्रग्स को रोकने के लिए अभी से अभियान शुरू करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।

भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।

प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।

वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।

राजनीतिक दलों के अलावा आयकर विभाग, एक्साइज, जीएसटी, रिजर्व बैंक, परिवहन, वन, नारकोटिक्स सहित केंद्र और राज्य की विभिन्न इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट्स एवं एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीजाईजी, जिलों के उपायुक्तों और एसएसपी के साथ हुई अलग-अलग बैठक में आयोग ने पूरी निष्पक्षता और भयमुक्त माहौल में चुनाव संपन्न कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।

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