पटना, 17 जुलाई (आईएएनएस)। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 62 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस दौरान नल-जल योजना की भी पोल खुली, जिससे नीतीश नाराज दिखे। कार्यक्रम में पूर्वी चंपारण जिले से आए एक युवक ने नल-जल योजना के तहत गंदे पेयजल की आपूर्ति की शिकायत की। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी अब तक किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे हमलोग दूषित पानी पीने को विवश हैं।
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कटिहार जिले से आईं आंगनबाड़ी सेविका ने मुख्यमंत्री से सीडीपीओ द्वारा तंग किए जाने की शिकायत की।
पूर्वी चंपारण जिले से ही आए एक अन्य व्यक्ति ने बाढ़ आपदा के लिए दी जानेवाली सहायता राशि वर्ष 2021 के अब तक नहीं मिलने की शिकायत की, जिससे मुख्यमंत्री ने भी आश्चर्य व्यक्त किया और तत्काल इसके समाधान का निर्देश दिया।
पूर्वी चंपारण जिले से आए एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि वर्ष 2017 से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए कहा गया था, जो अब तक नहीं बन पाया है। इसके बन जाने से यहां के लोगों को सुविधा होगी।
पूर्णिया जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि परमान नदी के कटाव से गांव के लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त है, इस समस्या का निदान निकाला जाए। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम