पटना, 16 जून (आईएएनएस)। बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का शुक्रवार को विस्तार किया गया। सहरसा जिले के सोनबरसा क्षेत्र से जदयू के विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एसकेपी
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पटना, 16 जून (आईएएनएस)। बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का शुक्रवार को विस्तार किया गया। सहरसा जिले के सोनबरसा क्षेत्र से जदयू के विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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पटना, 16 जून (आईएएनएस)। बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का शुक्रवार को विस्तार किया गया। सहरसा जिले के सोनबरसा क्षेत्र से जदयू के विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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पटना, 16 जून (आईएएनएस)। बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का शुक्रवार को विस्तार किया गया। सहरसा जिले के सोनबरसा क्षेत्र से जदयू के विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
–आईएएनएस
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पटना, 16 जून (आईएएनएस)। बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का शुक्रवार को विस्तार किया गया। सहरसा जिले के सोनबरसा क्षेत्र से जदयू के विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
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हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।
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बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित इस शपथ समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
शुरू में नीतीश के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से भी कुछ मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सिर्फ रत्नेश सदा ने ही मंत्री पद की शपथ ली।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि सदा को एससी एसटी कल्याण विभाग का दायित्व दिया जा सकता है। पहले यह विभाग सुमन के पास ही था।
सदा को नीतीश का भरोसेमंद माना जाता है। सदा महादलित समुदाय से आते हैं। रत्नेश सदा 13 साल से विधायक हैं और जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है।
पहली बार वह सोनवर्षा से 2010 में जदयू के विधायक बने। उसके बाद 2015 और 2020 में भी वह चुने गए।
सुमन के इस्तीफे के बाद से ही महादलित समाज से आने वाले को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमन भी महादलित समुदाय से आते हैं।