पटना, 17 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब का कहर टूटा है। सीवान में जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है।
बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि शराब कारोबारी अमरजीत यादव छपरा और सीवान में पहले हुई घटनाओं के सिलसिले में फरार चल रहा था। जहरीली शराब को जमीन के अंदर छिपाकर रखा था और जब मामला शांत होता दिखा, तो उसने शराब निकालकर उसे पीया और अपने करीबियों को भी पिलाया। दुख की बात है कि जहरीली शराब पीने से अमरजीत व एक अन्य की मौत हो गई।
वहीं, पटना हाई कोर्ट ने शराबबंदी कानून को लेकर बिहार सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। इस पर मंत्री रत्नेश सादा ने कहा कि हाईकोर्ट ने कभी नहीं कहा है कि शराबबंदी विफल है। 2016 से पहले सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने वाले हुड़दंग किया करते था और जब से कानून लागू हुआ, तब से शराबी अपनी पहचान छिपाते फिरते हैं।
बीते दिनों पटना उच्च न्यायालय ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्हें यह कानून इसलिए पसंद है, क्योंकि इससे उन्हें “बड़ी कमाई” होती है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि पुलिस शराब तस्करों के साथ मिलकर काम कर रही है और गरीब लोग कानून का खामियाजा भुगत रहे हैं।
बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने वाला कानून बनाया था। हालांकि अधिनियम के कड़े प्रावधानों के बावजूद अवैध शराब से मौतों का सिलसिला जारी है।
–आईएएनएस
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