इम्फाल/नई दिल्ली, 23 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने पराक्रम दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मुंबई का नौसेना विद्रोह आईएनए के आंदोलन और सैकड़ों और हजारों पुरुषों और महिलाओं द्वारा किए गए बलिदानों से प्रेरित था और आईएनए के योगदान ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को उसके अंत तक यानी स्वंतत्रता प्राप्ति तक पहुंचा दिया। उन्होंने मणिपुर के मोइरांग में स्थित आईएनए (आजाद हिंद फौज) स्मारक को आधुनिक भारत का तीर्थस्थल भी कहा।
होसबाले ने सोमवार सुबह आईएनए मेमोरियल, मोइरांग की अपनी यात्रा के दौरान कहा, भारत माता के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। उनकी अदम्य भावना और अविस्मरणीय कार्य सभी भारतीयों के लिए सदैव प्रेरणादायी है। यह स्मारक (मोइरांग) आधुनिक भारत का एक तीर्थस्थल है।
आपको बता दें कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर हैं।जहां वे आईएनए स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके पराक्रम दिवस के राष्ट्रव्यापी उत्सव में शामिल हुए। इसी जगह पर नेताजी ने 1944 में पहली बार भारत की धरती पर स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया था।
संघ के वरिष्ठ नेता ने इस अवसर पर आगे कहा, आईएनए भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। इसके महान बलिदान और अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध के कारण ही करोड़ों भारतीय ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आवाज उठाने और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए उत्साहित हुए। उन्होंने आगे कहा, मुंबई का नौसेना विद्रोह आईएनए के आंदोलन और सैकड़ों और हजारों पुरुषों और महिलाओं द्वारा किए गए बलिदानों से प्रेरित था और आईएनए के योगदान ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को उसके अंत तक यानी स्वंतत्रता प्राप्ति तक पहुंचा दिया।
दत्तात्रेय होसबाले ने आरएसएस के अन्य नेताओं- राजन सिंह, उल्हास कुलकर्णी और एमएम अशोकन के साथ आईएनए मुख्यालय और संग्रहालय का भी दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान होसबाले ने मोइरांग में स्थानीय गणमान्य लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की।
–आईएएनएस
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