शिमला, 13 जनवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच वार-पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार किया।
नरेश चौहान का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष का बयान उनकी राजनीतिक मजबूरी और सुर्खियों में बने रहने के लिए है। दरअसल, जयराम ठाकुर ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में सरकार की नाकामियों की वजह से अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पिछले दो महीने से प्रदेश की ट्रेजरी अघोषित रूप से बंद है।
नरेश चौहान ने जयराम ठाकुर के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका सरकार के खिलाफ समय-समय पर बयान देना उनकी मजबूरी है। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते हुए आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए ये बताएं। जयराम के समय में बैंकों का कर्जा किस तरह बांटा गया। स्टेट कॉपरेटिव और कांगड़ा कॉपरेटिव बैंक की एनपीए तेजी से बढ़ी। वित्तीय प्रबंधन को करने का काम मुख्यमंत्री कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई समस्या नहीं है। जयराम ठाकुर सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। कांग्रेस सरकार के फैसलों के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष को सब्र रखकर इसका इंतजार करना चाहिए। वहीं, डिपुओं में दिए जा रहे राशन को लेकर उठाए जा रहे सवालों को भी उन्होंने बेबुनियाद बताया है।
वहीं, नरेश चौहान ने भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन पर पलटवार किया और कहा कि पिछले दो सालों से महाजन एक ही बयान दे रहे हैं। उन्हें बताना चाहिए कि केंद्र से हिमाचल के लिए क्या लेकर आएं हैं? उनकी भी जनता के प्रति जवाबदेही बनती है। जयराम सरकार में हिमाचल को केंद्र से 8,200 करोड़ की रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट मिलती थी, जो अब घटाकर 3 हजार करोड़ कर दी गई है। केंद्र से मिलने वाली मदद में कटौती की गई है। हर्ष महाजन को, लोकतंत्र का अपमान करने के बजाय केंद्र से हिमाचल हित की बात करनी चाहिए।
–आईएएनएस
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