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नेपाल, भारत ने द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा की, कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए (लीड-1)

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January 4, 2024
in अंतरराष्ट्रीय
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नेपाल, भारत ने द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा की, कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए (लीड-1)
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काठमांडू, 4 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल और भारत ने यहां गुरुवार को भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूद द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के क्षेत्रों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की।

बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार को काठमांडू पहुंचे और अपने नेपाल समकक्ष एन.पी. सऊद के साथ वार्ता की सह-अध्यक्षता की।

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जयशंकर ने ट्वीट किया, “सातवें भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की एक व्यापक और सार्थक बैठक हुई। चर्चा हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार और आर्थिक संबंधों, भूमि, रेल और हवाई कनेक्टिविटी परियोजनाओं, रक्षा और सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा, बिजली में सहयोग, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, नागरिक उड्डयन, लोगों से लोगों का संपर्क, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विकास साझेदारी पर केंद्रित थी।

संयुक्त आयोग द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति का जायजा लेने के लिए नेपाल और भारत के बीच उच्चतम स्तरीय राजनीतिक तंत्र है।

बैठक के दौरान नेपाल और भारत ने कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जहां भारत ने पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप के बाद देश में पुनर्निर्माण के लिए एनपीआर 1,000 करोड़ के अनुदान की घोषणा की।

यह नेपाल की पुनर्निर्माण में सहायता के लिए भारत द्वारा घोषित एक नया अनुदान है।

दोनों पक्षों ने दीर्घकालिक बिजली व्यापार पर एक और समझौता किया, जिसमें आने वाले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के सचिव गोपाल सिगडेल और भारत के ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने यहां याक और यति होटल में एक बैठक के दौरान सौदे पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ऊर्जा समझौता गुरुवार को हस्ताक्षरित चार समझौतों में से एक था।

एक अन्य समझौता नेपाल में लघु विकास परियोजनाओं के लिए भारतीय सहायता में वृद्धि से संबंधित है। भारत अब तक छोटी विकास परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए 5 करोड़ रुपये प्रदान करता रहा है। अब समझौते के मुताबिक बजट बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

यह लघु विकास अनुदान सरकारी निकायों और अन्य संगठनों के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत राय के अनुसार, भारत ने जाजरकोट और रुकुम पश्चिम के पुनर्निर्माण के लिए नेपाल को 10 अरब रुपये की वित्तीय सहायता पर भी सहमति व्यक्त की है, जो नवंबर में भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।

इसी तरह, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के तहत नेपाल एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के बीच नेपाली उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए एक समझौता हुआ है।

इसरो नेपाल में निर्मित उपग्रहों को लॉन्च करेगा।

इसी तरह, नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारत के नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

सऊद और जयशंकर ने संयुक्त रूप से तीन सीमा पार ट्रांसमिशन लाइनों का भी उद्घाटन किया।

–आईएएनएस

एसजीके

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काठमांडू, 4 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल और भारत ने यहां गुरुवार को भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूद द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के क्षेत्रों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की।

बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार को काठमांडू पहुंचे और अपने नेपाल समकक्ष एन.पी. सऊद के साथ वार्ता की सह-अध्यक्षता की।

जयशंकर ने ट्वीट किया, “सातवें भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की एक व्यापक और सार्थक बैठक हुई। चर्चा हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार और आर्थिक संबंधों, भूमि, रेल और हवाई कनेक्टिविटी परियोजनाओं, रक्षा और सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा, बिजली में सहयोग, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, नागरिक उड्डयन, लोगों से लोगों का संपर्क, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विकास साझेदारी पर केंद्रित थी।

संयुक्त आयोग द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति का जायजा लेने के लिए नेपाल और भारत के बीच उच्चतम स्तरीय राजनीतिक तंत्र है।

बैठक के दौरान नेपाल और भारत ने कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जहां भारत ने पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप के बाद देश में पुनर्निर्माण के लिए एनपीआर 1,000 करोड़ के अनुदान की घोषणा की।

यह नेपाल की पुनर्निर्माण में सहायता के लिए भारत द्वारा घोषित एक नया अनुदान है।

दोनों पक्षों ने दीर्घकालिक बिजली व्यापार पर एक और समझौता किया, जिसमें आने वाले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के सचिव गोपाल सिगडेल और भारत के ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने यहां याक और यति होटल में एक बैठक के दौरान सौदे पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ऊर्जा समझौता गुरुवार को हस्ताक्षरित चार समझौतों में से एक था।

एक अन्य समझौता नेपाल में लघु विकास परियोजनाओं के लिए भारतीय सहायता में वृद्धि से संबंधित है। भारत अब तक छोटी विकास परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए 5 करोड़ रुपये प्रदान करता रहा है। अब समझौते के मुताबिक बजट बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

यह लघु विकास अनुदान सरकारी निकायों और अन्य संगठनों के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत राय के अनुसार, भारत ने जाजरकोट और रुकुम पश्चिम के पुनर्निर्माण के लिए नेपाल को 10 अरब रुपये की वित्तीय सहायता पर भी सहमति व्यक्त की है, जो नवंबर में भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।

इसी तरह, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के तहत नेपाल एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के बीच नेपाली उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए एक समझौता हुआ है।

इसरो नेपाल में निर्मित उपग्रहों को लॉन्च करेगा।

इसी तरह, नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारत के नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

सऊद और जयशंकर ने संयुक्त रूप से तीन सीमा पार ट्रांसमिशन लाइनों का भी उद्घाटन किया।

–आईएएनएस

एसजीके

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काठमांडू, 4 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल और भारत ने यहां गुरुवार को भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूद द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के क्षेत्रों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की।

बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार को काठमांडू पहुंचे और अपने नेपाल समकक्ष एन.पी. सऊद के साथ वार्ता की सह-अध्यक्षता की।

जयशंकर ने ट्वीट किया, “सातवें भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की एक व्यापक और सार्थक बैठक हुई। चर्चा हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार और आर्थिक संबंधों, भूमि, रेल और हवाई कनेक्टिविटी परियोजनाओं, रक्षा और सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा, बिजली में सहयोग, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, नागरिक उड्डयन, लोगों से लोगों का संपर्क, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विकास साझेदारी पर केंद्रित थी।

संयुक्त आयोग द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति का जायजा लेने के लिए नेपाल और भारत के बीच उच्चतम स्तरीय राजनीतिक तंत्र है।

बैठक के दौरान नेपाल और भारत ने कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जहां भारत ने पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप के बाद देश में पुनर्निर्माण के लिए एनपीआर 1,000 करोड़ के अनुदान की घोषणा की।

यह नेपाल की पुनर्निर्माण में सहायता के लिए भारत द्वारा घोषित एक नया अनुदान है।

दोनों पक्षों ने दीर्घकालिक बिजली व्यापार पर एक और समझौता किया, जिसमें आने वाले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के सचिव गोपाल सिगडेल और भारत के ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने यहां याक और यति होटल में एक बैठक के दौरान सौदे पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ऊर्जा समझौता गुरुवार को हस्ताक्षरित चार समझौतों में से एक था।

एक अन्य समझौता नेपाल में लघु विकास परियोजनाओं के लिए भारतीय सहायता में वृद्धि से संबंधित है। भारत अब तक छोटी विकास परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए 5 करोड़ रुपये प्रदान करता रहा है। अब समझौते के मुताबिक बजट बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

यह लघु विकास अनुदान सरकारी निकायों और अन्य संगठनों के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत राय के अनुसार, भारत ने जाजरकोट और रुकुम पश्चिम के पुनर्निर्माण के लिए नेपाल को 10 अरब रुपये की वित्तीय सहायता पर भी सहमति व्यक्त की है, जो नवंबर में भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।

इसी तरह, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के तहत नेपाल एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के बीच नेपाली उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए एक समझौता हुआ है।

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इसी तरह, नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारत के नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

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काठमांडू, 4 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल और भारत ने यहां गुरुवार को भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूद द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के क्षेत्रों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की।

बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार को काठमांडू पहुंचे और अपने नेपाल समकक्ष एन.पी. सऊद के साथ वार्ता की सह-अध्यक्षता की।

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यह नेपाल की पुनर्निर्माण में सहायता के लिए भारत द्वारा घोषित एक नया अनुदान है।

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नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के सचिव गोपाल सिगडेल और भारत के ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने यहां याक और यति होटल में एक बैठक के दौरान सौदे पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ऊर्जा समझौता गुरुवार को हस्ताक्षरित चार समझौतों में से एक था।

एक अन्य समझौता नेपाल में लघु विकास परियोजनाओं के लिए भारतीय सहायता में वृद्धि से संबंधित है। भारत अब तक छोटी विकास परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए 5 करोड़ रुपये प्रदान करता रहा है। अब समझौते के मुताबिक बजट बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

यह लघु विकास अनुदान सरकारी निकायों और अन्य संगठनों के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत राय के अनुसार, भारत ने जाजरकोट और रुकुम पश्चिम के पुनर्निर्माण के लिए नेपाल को 10 अरब रुपये की वित्तीय सहायता पर भी सहमति व्यक्त की है, जो नवंबर में भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।

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इसी तरह, नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारत के नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

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