गोपालगंज/ मुजफ्फरपुर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शिला का बिहार में जगह-जगह स्वागत हो रहा है। लोग जगह जगह आरती करते नजर आए तो कई शिला के दर्शन से ही खुद को भाग्यशाली समझ रहे हैं। मंगलवार की रात यह शिला उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में प्रवेश कर जाएगी।
बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम
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गोपालगंज/ मुजफ्फरपुर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शिला का बिहार में जगह-जगह स्वागत हो रहा है। लोग जगह जगह आरती करते नजर आए तो कई शिला के दर्शन से ही खुद को भाग्यशाली समझ रहे हैं। मंगलवार की रात यह शिला उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में प्रवेश कर जाएगी।
बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
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गोपालगंज/ मुजफ्फरपुर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शिला का बिहार में जगह-जगह स्वागत हो रहा है। लोग जगह जगह आरती करते नजर आए तो कई शिला के दर्शन से ही खुद को भाग्यशाली समझ रहे हैं। मंगलवार की रात यह शिला उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में प्रवेश कर जाएगी।
बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
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बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
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नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
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शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
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बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
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शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
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शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
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बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
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शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
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बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
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बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
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शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
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बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
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बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
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शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
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गोपालगंज/ मुजफ्फरपुर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शिला का बिहार में जगह-जगह स्वागत हो रहा है। लोग जगह जगह आरती करते नजर आए तो कई शिला के दर्शन से ही खुद को भाग्यशाली समझ रहे हैं। मंगलवार की रात यह शिला उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में प्रवेश कर जाएगी।
बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम
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गोपालगंज/ मुजफ्फरपुर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शिला का बिहार में जगह-जगह स्वागत हो रहा है। लोग जगह जगह आरती करते नजर आए तो कई शिला के दर्शन से ही खुद को भाग्यशाली समझ रहे हैं। मंगलवार की रात यह शिला उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में प्रवेश कर जाएगी।
बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
–आईएएनएस
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गोपालगंज/ मुजफ्फरपुर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शिला का बिहार में जगह-जगह स्वागत हो रहा है। लोग जगह जगह आरती करते नजर आए तो कई शिला के दर्शन से ही खुद को भाग्यशाली समझ रहे हैं। मंगलवार की रात यह शिला उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में प्रवेश कर जाएगी।
बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।
–आईएएनएस
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गोपालगंज/ मुजफ्फरपुर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शिला का बिहार में जगह-जगह स्वागत हो रहा है। लोग जगह जगह आरती करते नजर आए तो कई शिला के दर्शन से ही खुद को भाग्यशाली समझ रहे हैं। मंगलवार की रात यह शिला उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में प्रवेश कर जाएगी।
बिहार में यह पवित्र शिला मंगलवार को गोपालगंज जिला में प्रवेश की। यहां प्रवेश करते ही नारायणी नदी के डुमरिया घाट पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
शिला के यहां पहुंचते ही जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। इसके बाद यह शिला देवापुर पहुंचा, जहां उपस्थित लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाली गई यह शिलाग्राम शिला सोमवार को भारत नेपाल सीमा के जटही पिपरौंना बॉर्डर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश की थी। दो अलग अलग ट्रकों में पवित्र शिला को रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। शिला के साथ रास्ते में संतों की टोली चल रही है। कीर्तन भजन हो रहा है।
बताया गया कि इस शिला से अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। मंगलवार की देर रात इस शिला के उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने की संभावना है।
शालिग्राम शिला के गोपालगंज पहुंचने हजारों श्रद्धालुओं ने शिला का स्वागत किया। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजने लगा। इस दौरान महिलाएं लोक गीत गाती नजर आई।
शिला पट को छूने के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में मौजूद रहे।
बता दें कि नेपाल से दो बड़ी शालिग्राम शिला अयोध्या ले जाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन शिलाओं को नेपाल की शालिग्रामी नदी से निकाला गया है, जो करोड़ों साल पुरानी हैं। बताया जा रहा है कि इनमे एक शिलाखंड 14 टन वजन का है तो दूसरा शिलाखंड 26 टन का है। रास्ते में जगह-जगह इसके दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है।