जम्मू, 19 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी दलों के नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है।
जम्मू-कश्मीर के भाजपा प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनाव घोषणापत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह झूठ का पुलिंदा है। एससी, एसटी और महिला आरक्षण को किसी भी परिस्थिति में वापस नहीं लिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू किया। उस संविधान को हटने नहीं दिया जाएगा।
चुघ ने सवाल किया कि आतंकवाद को पैदा करने वाले पाकिस्तान के गाने और तराने अब्दुल्ला परिवार को क्यों अच्छा लगता है? हमें आज तक यह समझ में नहीं आता।
उन्होंने कहा कि 1,70,000 कश्मीरी पंडितों को निकालने वाले अब्दुल्ला और मुफ्ती आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। 1990 में सुरक्षा देने की बजाय उन्होंने उन्हें निकाला गया। आज वही लोग रक्षक बनकर घड़ियाली आंसू बहाते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। 1990 में मुख्यमंत्री कौन थे। इसकी जिम्मेदारी किसकी थी?
दरअसल, चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की। जिनमें 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
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