नैनीताल, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से उत्तराखंड को काफी नुकसान हुआ। इस आपदा ने नैनीताल जनपद को भारी क्षति पहुंचाई। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि आपदा से नैनीताल को 443 करोड़ रुपए के क्षति का अनुमान है। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद सड़कों-बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हाल की आपदा ने नैनीताल जनपद को भारी क्षति पहुंचाई है। प्रशासन ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत आकलन किया है, जिसमें लगभग 443 करोड़ रुपए की क्षति का अनुमान लगाया गया है। इसमें से केवल 190 करोड़ रुपए की क्षति सड़कों, भवनों और अन्य मरम्मत कार्यों से संबंधित है।
उन्होंने बताया कि पुनर्निर्माण, मरम्मत और आपदा न्यूनीकरण के लिए ठोस योजना बनाई जा रही है। विशेष रूप से सड़क निर्माण, हैड़ाखान रोड सहित संवेदनशील क्षेत्रों के सुधार कार्य और कई तरह के उपाय शामिल किए गए हैं।
प्रशासन का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र राहत पहुंचाने के साथ ही आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि भविष्य में आपदाओं का प्रभाव न्यूनतम हो और स्थानीय लोगों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार और प्रशासन दोनों ही स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि पुनर्निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू होकर जनता को राहत दी जा सके।
इससे पहले, उत्तराखंड के थराली क्षेत्र में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भारत सरकार की अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने सोमवार को हवाई और स्थलीय सर्वेक्षण किया था।
इस दल का नेतृत्व निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह ने किया, जिसमें अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार सहित विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
टीम ने थराली के चेपड़ो, कोटडीप, राड़ीबगड़, देवाल के मोपाटा और नंदानगर जैसे प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके साथ ही सड़क मार्ग से क्षतिग्रस्त इलाकों का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया।
–आईएएनएस
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