नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। नोएडा के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने वाले उद्योग मार्ग को मॉडल रोड के रूप में विकसित करने की बहुप्रतीक्षित योजना एक बार फिर अटक गई है। परियोजना के लिए चयनित निर्माण एजेंसी और नोएडा प्राधिकरण के बीच निर्माण लागत को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
इस कारण अब तीसरी बार फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। करीब एक साल पहले प्राधिकरण ने इस मार्ग को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मॉडल रोड में बदलने का फैसला लिया था। सेक्टर-1 गोलचक्कर से लेकर सेक्टर-11 स्थित झुंडपुरा तिराहे तक लगभग 2.5 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक रहता है। यहां औद्योगिक इकाइयों, ऑटोमोबाइल शोरूम और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों की अधिकता के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। साथ ही सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण भी राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी होती है।
प्राधिकरण का मानना है कि इस सड़क को मॉडल रोड में बदलने से न केवल यातायात की समस्या हल होगी, बल्कि यहां आने वाले निवेशकों और विशिष्ट आगंतुकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा, क्योंकि इसी मार्ग से नोएडा प्राधिकरण कार्यालय तक पहुंचा जाता है। प्राधिकरण के अनुसार, इस परियोजना पर लगभग 40 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। हालांकि, लागत को लेकर निर्माण एजेंसी और प्राधिकरण के बीच पहले भी सहमति नहीं बन सकी थी। छह महीने पहले एक एजेंसी का चयन किया गया था, लेकिन कीमत को लेकर वार्ता विफल रही।
दूसरी बार टेंडर निकालने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई, जिससे अब तीसरी बार नई एजेंसी की तलाश के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस परियोजना की राह में एक और बड़ी अड़चन सीबीआई की अनुमति थी। लगभग 15 साल पहले इस मार्ग पर बिजली केबल लाइन बिछाने में घोटाले की बात सामने आई थी, जिसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। प्राधिकरण ने सीबीआई को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी, जिसका जवाब मिलने में तीन से चार महीने का समय लग गया। सीबीआई ने सावधानीपूर्वक निर्माण के निर्देश देते हुए सेक्टर-2 के मंदिर क्षेत्र में विशेष सतर्कता बरतने को कहा, बाकी मार्ग पर कार्य करने में कोई आपत्ति नहीं जताई गई।
–आईएएनएस
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