नोएडा, 11 जनवरी (आईएएनएस)। नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। इस फर्जी कॉल सेंटर के पकड़े जाने के बाद अभी तक करीब 6 करोड़ रुपए की ठगी का खुलासा हुआ है। पुलिस इस मामले की और गहनता से छानबीन कर रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा सर्विलांस टीम, साइबर टीम, थाना फेस-1 और सेक्टर-20 पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर लोगों को लोन दिलाने व इंश्योरेंस पॉलिसी और शेयर मार्केट में निवेश कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 17 मोबाइल फोन, एक सीपीयू, 4 अभिलेखीय रजिस्टर, 21 एटीएम कार्ड, 5 वोटर आईडी कार्ड, 6 आधार कार्ड, 3 पैन कार्ड, 1 डी.एल, 1 जीएसटी सर्टिफिकेट, 1 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, 1 रेंट एग्रीमेंट और 2660 रुपए बरामद हुए हैं।
पुलिस ने इस गिरोह के गणेश ठाकुर, प्रभाष झा, मनीष कुमार झा, परवेज आलम, शुभम यादव, ज्ञानेन्द्र, शबनम और अराधना को नोएडा के सेक्टर-2 में स्थित ए-44 की बिल्डिंग में थर्ड फ्लोर पर बने ऑफिस वीएचए इन्वेस्टर्स से गिरफ्तार किया है। ये सब लोग मिलकर बिना किसी लाइसेंस के फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे और लोगों को लोन दिलाने व इंश्योरेंस पॉलिसी एवं शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर अवैध रूप से ठगी का काम करते हैं।
पुलिस के मुताबिक अभी तक जानकारी के अनुसार इन आरोपियों से पता चला है कि करीब 6 करोड़ रुपए की ठगी ये कर चुके हैं। पुलिस पूछताछ में इन्होंने बताया कि ये गैंग विभिन्न माध्यमों जैसे जस्ट डायल आदि से वेंडर पता कर ऐसे लोगों का डाटा प्राप्त करते हैं जिन्हें लोन व इंश्योरेंस की आवश्यकता होती है। ये लोग विभिन्न बैंकों का कर्मचारी बताते हुए अपने-अपने नाम बदलकर जैसे शबनम-पूजा शर्मा के नाम से, अराधना-रिंकी वर्मा के नाम से व गणेश-सुरेश आदि के नाम से इसी प्रकार कॉल करके और व्हाट्सएप पर मैसेज कर कस्टमर की आवश्यकता अनुसार प्रलोभन देकर उनका आसान शर्तों पर लोन, इंश्योरेंस करा दिए जाने का विश्वास दिलाकर ऐवज में ऐसे जरूरतमंद लोगों से 10 से 15 प्रतिशत धनराशि पहले ही ले लेते थे और बाद में उन्हें लोन भी उपलब्ध नहीं कराते थे।
इसके बाद उनसे संपर्क बंद कर दिया जाता था। कई बार ऐसे व्यक्तियों से विभिन्न कारण बताकर लोन कराने अथवा लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिए काफी मोटी रकम वसूली जाती थी। किसी का अधिक पैसा जमा करा लिए जाने पर उस व्यक्ति के द्वारा पैसा मांगने पर उन्हें बताया जाता है कि टैक्स, आरबीआई तथा आईआरडीए एक्ट के प्रावधानों के तहत उन्हें सम्पूर्ण भुगतान के लिए फीस के तौर पर और पैसा जमा कराना है।
ये लोग शेयर में पैसे लगाकर और अधिक मुनाफा उपलब्ध कराने का भी झांसा देकर उनके साथ धोखाधड़ी करते थे। लोगों को शक न हो इसलिये महिला सहकर्मियों से भी फोन कॉल कराए जाते हैं। ये लोग भारतीय रिजर्व बैंक तथा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से संबंधित प्रपत्रों को गूगल से डाउनलोड कर प्रिंट आउट कराकर रख लेते हैं। जब कुछ लोगों की पॉलिसी अथवा लोन के संबंध में मोटी रकम वसूल ली जाती है और उनके द्वारा पैसे वापस करने का दबाव बनाया जाता है तो इन लोगों के द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक व गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से संबंधित उनके नाम का फर्जी पेपर बनाकर उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए भेज दिया जाता है ताकि वह व्यक्ति इन पर विश्वास कर ले।
पुलिस ने बताया है कि ये गैंग उत्तर प्रदेश की जगह अन्य राज्यों के लोगों का डाटा इकट्ठा करता था। ताकि विभिन्न राज्यों के रहने वाले व्यक्ति दूरी होने के कारण शिकायत न कर सकें। ये गैंग नोएडा के एक व्यक्ति नरेश कुमार से भी काफी पैसा एक फर्जी अकाउंट में ले चुका है। इस फर्जी अकाउंट को इनके द्वारा बनवाया गया था, जो पश्चिम बंगाल का है, जिसमें इनके द्वारा नरेश के साथ ठगी कर 1 करोड़ के आस-पास धनराशि ट्रांसफर करवाई गई थी।
–आईएएनएस
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