नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए सीबीआई को अतिरिक्त समय दे दिया।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया था कि वह अदालत की छुट्टी के बाद पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगी। इसके बाद अदालत ने उसे समय दिया।
हालांकि कोर्ट ने सीबीआई से स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि एजेंसी द्वारा मामले में लगातार देरी स्वीकार्य नहीं है।
इस पर, सीबीआई ने अदालत को बताया कि इस मामले में जांच अभी भी चल रही है और उन्हें नए तथ्यों को शामिल करने के लिए कुछ और समय चाहिए।
जांच एजेंसी को समय देते हुए अदालत ने 12 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख पर आरोपपत्र दाखिल करने को कहा।
सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों तथा निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान विभिन्न रेलवे जोन में समूह डी पदों पर स्थानापन्न नियुक्त करने के बदले में अपने परिवार के सदस्यों को जमीन की संपत्ति हस्तांतरित करवाकर वित्तीय लाभ प्राप्त किया।
पटना के कई निवासियों ने या तो सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से यादव परिवार के सदस्यों और पूर्व मंत्री तथा उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी को अपनी जमीन बेच दी या उपहार में दे दी।
सीबीआई ने कहा था, जोनल रेलवे में स्थानापन्न की नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। हालांकि, पटना के निवासी व्यक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।
इस कार्यप्रणाली के बाद, पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट अचल संपत्ति यादव और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच बिक्री समझौतों और दो उपहार समझौतों के माध्यम से अधिग्रहित की गई थी, जिसमें अधिकांश भूमि हस्तांतरण विक्रेताओं को किए गए नकद भुगतान को दशार्ता है।
–आईएएनएस
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