शिमला, 30 मई (आईएएनएस)। न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय मुख्य न्यायाधीश अमजद अहतेशाम सैयद की सेवानिवृत्ति के बाद से जनवरी से खाली था।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने शिमला में राजभवन में आयोजित एक शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति राव को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। राव पदोन्नति से पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर उपस्थित थे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जारी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के आदेश को पढ़ा। समारोह की शुरुआत और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इस अवसर पर महिला राज्यपाल जानकी शुक्ला, हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और तेलंगाना हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी उपस्थित थे।
जस्टिस राव का जन्म 7 अगस्त 1966 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने भवन न्यू साइंस कॉलेज उस्मानिया से गणित में बीएससी (ऑनर्स) किया और 1989 में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से एलएलबी किया।
न्यायमूर्ति राव को जून 2012 में आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 31 अगस्त 2021 को तेलंगाना के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी रहे हैं।
उनके पिता न्यायमूर्ति एम. जगन्नाध राव सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (1997-2000) और भारत के विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष थे।
–आईएएनएस
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