प्रयागराज, 3 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज की धरती पर पूरा प्रदेश मां गंगा-यमुना व सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान कर माघ मेले में सहभागी बनकर सफलता के मार्ग का अनुसरण करने का संकल्प लेता है। यूपी का प्रत्येक नागरिक न्याय की अभिलाषा में प्रयागराज आता है। बार व बेंच के बेहतर समन्वय का यह कार्यक्रम अधिवक्ता कुंभ ही है। प्रयागराज की धरती प्राचीन काल से ही प्रेरणा की रही है। यह धर्म की धरती है, यहां से अध्यात्म की प्रेरणा प्राप्त होती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिवक्ताओं की फोटो का अनावरण भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा के प्रमुख केंद्र के रूप में प्रयागराज का महत्व रहा है। 12 हजार वर्ष पहले भारत का पहला गुरुकुल भारद्वाज का गुरुकुल यहीं रहा। प्रयागराज न्याय का पवित्र मंदिर भी है। जब कोई अपनों से पीड़ित-प्रताड़ित होता है, आस व विश्वास खो देता है तो आशा भरी निगाहों से न्याय के इस मंदिर की ओर देखता है। यहां से मिली राह जीवन की नई राह होती है। बार-बेंच का यह समन्वय इसे प्रस्तुत करने का कार्य कर रहा है।
सीएम ने कहा कि जब बार 150 वर्ष पूर्ण कर रहा है तो यह संयोग ही है कि देश ने आजादी का अमृत महोत्सव भी पूर्ण किया है। लंबे समय तक आजादी की लड़ाई लड़ी गई। यह भारत को दासता से मुक्त करने का वृहद अभियान था। आजादी की लड़ाई में अधिवक्ता समुदाय ने न केवल भाग लिया, बल्कि देश को नेतृत्व भी दिया। देश की आजादी को नई दिशा देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी रहें हों या संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद, संविधान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा रहे हों या संविधान को स्वरूप देने वाले शिल्पी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू रहे हों या सरदार वल्लभ भाई पटेल। देश का हर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जिन्होंने जुर्म की परवाह किए बिना लगातार आजादी के लिए लड़ता रहा, उसमें अधिवक्ता समुदाय अग्रणी भूमिका में रहा। इस पुरातन पहचान को फिर से आगे किए जाने की आवश्यकता है।
कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हर क्षेत्र में देश को नेतृत्व दिया है। पिछले दिनों दिल्ली में मुख्यमंत्रियों व चीफ जस्टिस की बैठक थी। देश में लोक अदालत का परिणाम देख रहा था तो देश में जितने मुकदमों का निस्तारण हुआ था, उनमें से आधे से अधिक यूपी के थे। यानी यूपी में पहले भी यह क्षमता थी और आज भी है। वह कौन सा क्षेत्र था, जिसमें यूपी ने नेतृत्व न दिया हो, आज फिर उसी भूमिका से जाना जा रहा है। सामूहिक प्रयास होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मुझे यहां के लिए आमंत्रण मिला तो मैंने पूछा कि यह कार्यक्रम सिर्फ बार का ही है या बेंच भी है। बताया गया कि इस कार्यक्रम में सभी सहभागी रहेंगे। मुझे प्रसन्नता है कि यह कार्यक्रम मिलकर गौरवपूर्ण 150 वर्ष के अवलोकन का अवसर प्रदान कर रहा है। इन वर्षों में क्या खोया, क्या पाया, इस पर मनन करना चाहिए। यह देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो चिंतन हुआ कि क्या खोया, क्या पाया। अमृत काल में भारत को दो उपलब्धियां मिली हैं। ब्रिटेन को पछाड़कर भारत पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना, दूसरा अमृतकाल में भारत को जी-20 की अध्यक्षता का सौभाग्य मिला। दुनिया में विश्व शांति व कल्याण के मार्ग पर हम व्यापक चिंतन कर रहे हैं। यूपी में जी-20 के चार महानगरों में 11 समिट होंगे। हमें वैश्विक मंच पर देश व प्रदेश को प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। हमारे पास कितना प्रोटेंशियल है, हम दुनिया के लिए क्या कर सकते हैं।
–आईएएनएस
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