नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने गुरुवार को दावा किया कि संकटग्रस्त यूनिकॉर्न फार्मईज़ी का नया फंडिंग दौर सही नहीं है, बल्कि वास्तव में यह अचानक विनाश लाएगा।
सूत्रों के हवाले से टेकक्रंच की पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, फार्मईज़ी की कभी 5 बिलियन डॉलर वैल्यू थी। इसने पिछले मूल्यांकन से 90 प्रतिशत कम पर लगभग 300 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना बनाई है। इसके बाद फार्मईज़ी का मूल्यांकन घटकर करीब 500 से 600 मिलियन डॉलर रह गया है।
अशनीर ग्रोवर ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “डाउन राउंड प्लस एंटी-डाइल्यूटिव क्लॉज बराबर, संस्थापकों के लिए अचानक विनाश!” ग्रोवर ने कहा कि अगर फार्मईज़ी के बारे में यह खबर सही है तो यह गिरावट का दौर नहीं बल्कि अंत है।
ग्रोवर ने कहा कि चूंकि इसमें एंटी-डाइल्यूटिव क्लॉज लागू होगा, इसका मतलब है कि जिन निवेशकों ने फार्मईज़ी में 5 रुपये/शेयर से अधिक पर निवेश किया है, उन्हें अधिक शेयर मिलेंगे, इसलिए कि उनकी होल्डिंग लागत 5 रुपये/शेयर हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि अंतिम दौर में 55 रुपये प्रति शेयर पर निवेश करने वाले निवेशकों को मुफ्त में 10 गुना अधिक शेयर मिलेंगे, जिससे उनकी हिस्सेदारी 5 रुपये प्रति शेयर हो जाएगी।
ग्रोवर के अनुसार, ईएसओपी होल्डिंग के साथ संस्थापकों की कंपनी में 0.001 प्रतिशत या कुछ समान अंश हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि 2021 में लिया गया कर्ज संस्थापकों द्वारा जुटाई गई अब तक की सबसे महंगी पूंजी साबित होगी।
बुधवार को कई रिपोर्टों में कहा गया कि ऑनलाइन फ़ार्मेसी स्टार्टअप फार्मईज़ी, जो कई रिपोर्टों के अनुसार, भारी मूल्यांकन कटौती के बीच गहरे संकट में है। अब यह नई फंडिंग चाहता है।
रिपोर्टों में दावा किया गया है कि फार्मईज़ी अपने ऋणदाता गोल्डमैन सैक्स को भुगतान करने के लिए नए सिरे से धन जुटा रहा है। जिससे उसने पिछले साल लगभग 285 मिलियन डॉलर का उधार लिया था, क्योंकि उसने डायग्नोस्टिक्स समाधान प्रदाता थायरोकेयर में 600 मिलियन डॉलर से अधिक की बहुमत हिस्सेदारी ली थी।
–आईएएनएस
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