कोलकाता, 4 जुलाई (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 8 जुलाई के पंचायत चुनाव के लिए विदेश से नामांकन दाखिल करने वाले एक तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार पर राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की भूमिका पर सवाल उठाया।
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा, “क्या होता अगर मामला अदालत के सामने नहीं आता? विदेश से दाखिल नामांकन वैध माना जाता।”
22 जून को सीपीआई (एम) ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उत्तर 24 परगना जिले के कुमारजोल से तृणमूल उम्मीदवार मोइनुद्दीन गाजी नामांकन चरण के दौरान सऊदी अरब में थे। हालांकि, उनका नामांकन स्थानीय ब्लॉक विकास कार्यालय द्वारा स्वीकार कर लिया गया था, जिससे सवाल उठता है कि कोई उम्मीदवार विदेश से अपना नामांकन कैसे दाखिल कर सकता है, जबकि नामांकन प्रक्रिया के समय उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य है।
बाद में उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। गाजी को 16 जुलाई को सऊदी अरब से भारत लौटना है, जब ग्रामीण नागरिक निकाय चुनावों के लिए मतदान (8 जुलाई) और मतगणना (11 जुलाई) दोनों समाप्त हो जाएंगे। मामले में संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि ऐसे मामले एसईसी द्वारा निभाई गई भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हैं।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि गाजी के नामांकन से संबंधित सभी दस्तावेजों को संरक्षित किया जाना चाहिए, ताकि देश लौटने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सके।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने मामले को 19 जुलाई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, “यह एक सुनियोजित अपराध है और इसकी गहन जांच की जरूरत है। अगली सुनवाई में यह निर्देश दिया जाएगा कि कौन सी एजेंसी मामले की जांच करेगी।”
–आईएएनएस
एसजीके