चंडीगढ़, 26 सितंबर (आईएएनएस)। पंजाब के गिरोहों की प्रतिद्वंद्विता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रही है। पिछले सप्ताह अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता में कनाडा के विन्निपेग में एनआईए-वांछित गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की हत्या कर दी गई थी।
जाली दस्तावेजों पर 2017 में कनाडा भागे देविंदर बंबीहा गिरोह के सहयोगी दुनेके की हत्या के लिए, प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया ने अलग से जिम्मेदारी ली।
21 सितंबर को उसकी हत्या से एक दिन पहले, उसका नाम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जारी 43 गैंगस्टरों की सूची में शामिल था, जिसमें उनकी अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी।
भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, दुनेके कनाडा में खालिस्तान आंदोलन का हिस्सा था। ऐसा माना जाता है कि वह बंबीहा गिरोह का सहयोगी था और पंजाब में जबरन वसूली, हत्या के प्रयास और हत्या के मामलों में वांछित था।
एक पोस्ट में बिश्नोई ने लिखा, “सुखदूल ने हमारे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या की थी और विक्की मिद्दुखेड़ा के साथ-साथ कबड्डी खिलाड़ी संदीप नागल अंबियान की हत्या के पीछे भी उसका हाथ था।”
इसी तरह, एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में पंजाब के एक अन्य गैंगस्टर भगवानपुरिया ने यह कहकर हत्या की जिम्मेदारी ली कि उसने अंबियन का बदला लिया है। भगवानपुरिया कभी बिश्नोई का करीबी सहयोगी था।
सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के आरोप के बाद कनाडा के कई शहरों में सिखों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि नई दिल्ली और ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी वकील निज्जर की हत्या के बीच कोई संबंध हो सकता है।
दुनेके की हत्या से पहले, पंजाब के संगरूर जिले के जवाहरके गांव में अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता के कारण पंजाबी गायक सुपरस्टार सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बरार ने हत्या की जिम्मेदारी ली। मूसेवाला की हत्या को बिश्नोई ने गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरिंदर सिंह रिंदा के साथ मिलकर अंजाम दिया था, जो अब बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ है।
–आईएएनएस
एफजेड