नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कनाडा स्थित आतंकवादी लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के सिर पर 15 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया। पिछले साल मई में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमला किया गया था।
रॉकेट दागने वाले दीपक रंगा को एनआईए ने पिछले हफ्ते जनवरी में यूपी के गोरखपुर से गिरफ्तार किया था।
रंगा कनाडा स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने लांडा और पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा का करीबी सहयोगी है।
रॉकेट शक्तिशाली था, लेकिन दीवार से टकराने के बाद पलट गया और किसी को चोट नहीं आई और न ही यह इमारत को नुकसान पहुंचा सका। हालांकि, इस घटना ने राज्य में दहशत की लहर पैदा कर दी थी।
एनआईए ने 20 सितंबर, 2022 को स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया था, जब यह सामने आया था कि आतंकवादी संगठन और विदेशों में स्थित आतंकवादी तत्व देश के उत्तरी राज्यों में लक्षित हत्याओं और हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए देश के उत्तरी राज्यों में संचालित संगठित आपराधिक गिरोहों के नेताओं और सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक काम कर रहे थे। यह भी सामने आया था कि आतंकी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर नेटवर्क भी सीमा पार आतंकवादी हार्डवेयर, जैसे हथियार, गोला-बारूद विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी में लगा हुआ था।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कनाडा स्थित आतंकवादी लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के सिर पर 15 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया। पिछले साल मई में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमला किया गया था।
रॉकेट दागने वाले दीपक रंगा को एनआईए ने पिछले हफ्ते जनवरी में यूपी के गोरखपुर से गिरफ्तार किया था।
रंगा कनाडा स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने लांडा और पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा का करीबी सहयोगी है।
रॉकेट शक्तिशाली था, लेकिन दीवार से टकराने के बाद पलट गया और किसी को चोट नहीं आई और न ही यह इमारत को नुकसान पहुंचा सका। हालांकि, इस घटना ने राज्य में दहशत की लहर पैदा कर दी थी।
एनआईए ने 20 सितंबर, 2022 को स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया था, जब यह सामने आया था कि आतंकवादी संगठन और विदेशों में स्थित आतंकवादी तत्व देश के उत्तरी राज्यों में लक्षित हत्याओं और हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए देश के उत्तरी राज्यों में संचालित संगठित आपराधिक गिरोहों के नेताओं और सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक काम कर रहे थे। यह भी सामने आया था कि आतंकी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर नेटवर्क भी सीमा पार आतंकवादी हार्डवेयर, जैसे हथियार, गोला-बारूद विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी में लगा हुआ था।
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