चंडीगढ़, 29 सितंबर (आईएएनएस)। पंजाब विधानसभा में बीज अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 सर्वसम्मति से पारित हो गया। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इसकी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब, पंजाब में नकली खाद, बीज और दवाइयां बेचने वाले विक्रेता और कंपनी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि पंजाब बीज अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 विधानसभा में पेश किया गया। चर्चा के बाद, विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया। अब, पंजाब में नकली खाद, बीज और दवाइयां बेचने वाले विक्रेता और कंपनी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस विधेयक के बिना किसानों को नुकसान हो रहा था।
उन्होंने कहा कि पंजाब बीज संशोधन अधिनियम के दौरान कांग्रेस ने इस विधेयक का विरोध किया था। हालांकि, विधेयक पारित हो गया है। किसानों को इस आपदा से उबरने में मदद करने के लिए, सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों को 2,00,000 क्विंटल मुफ्त बीज उपलब्ध कराएगी। इसमें 1,85,000 क्विंटल गेहूं और 16,000 क्विंटल सरसों के बीज शामिल हैं। बाढ़ प्रभावित घरों, पशुओं और फसलों के लिए मुआवजे के चेक 15 अक्टूबर से पहले जारी कर दिए जाएंगे।
सीएम मान ने बताया कि मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दी जाएगी। मांग की जाएगी कि पंजाब के लिए 20,000 करोड़ रुपए की राहत राशि की घोषणा की जाए। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1,600 करोड़ रुपए की राशि जारी की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1,600 करोड़ रुपए की राशि बहुत कम है और इसमें पंजाब को आवंटित वार्षिक राशि भी शामिल है।
मान ने भाजपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नहीं चाहती कि बाढ़ के बाद पंजाब का पुनर्वास हो। इसलिए, वह अपनी अलग विधानसभा बना रही है, जबकि पंजाब के हित में कानूनी रूप से स्थापित विधानसभा में लिए गए निर्णयों से सहमत नहीं है। रंगला पंजाब पहल के तहत पंजाब के पुनर्वास में योगदान देने वाले सभी संगठनों, नागरिकों, उद्योगपतियों और प्रवासी भारतीयों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
–आईएएनएस
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