पटना, 1 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में जाति आधारित गणना का कार्य अब फिर से शुरू किया जाएगा। जातीय गणना से रोक हट गई है।
पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जातीय गणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। अदालत के इस फैसले से नीतीश कुमार सरकार ने राहत की सांस ली। पटना उच्च न्यायालय ने 4 मई को जाति आधारित गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर अस्थायी रोक लगाई थी। अब इस फैसले को पटना उच्च न्यायालय ने जायज ठहराया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनडीए की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था। इसके बाद दो चरणों में गणना कराने का निर्णय लिया गया। इस साल जनवरी में इस कार्य के पहले चरण की शुरुआत की गई। जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में शुरू हुआ। दूसरे चरण के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
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पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जातीय गणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। अदालत के इस फैसले से नीतीश कुमार सरकार ने राहत की सांस ली। पटना उच्च न्यायालय ने 4 मई को जाति आधारित गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर अस्थायी रोक लगाई थी। अब इस फैसले को पटना उच्च न्यायालय ने जायज ठहराया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनडीए की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था। इसके बाद दो चरणों में गणना कराने का निर्णय लिया गया। इस साल जनवरी में इस कार्य के पहले चरण की शुरुआत की गई। जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में शुरू हुआ। दूसरे चरण के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
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उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनडीए की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था। इसके बाद दो चरणों में गणना कराने का निर्णय लिया गया। इस साल जनवरी में इस कार्य के पहले चरण की शुरुआत की गई। जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में शुरू हुआ। दूसरे चरण के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
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उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनडीए की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था। इसके बाद दो चरणों में गणना कराने का निर्णय लिया गया। इस साल जनवरी में इस कार्य के पहले चरण की शुरुआत की गई। जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में शुरू हुआ। दूसरे चरण के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
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उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनडीए की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था। इसके बाद दो चरणों में गणना कराने का निर्णय लिया गया। इस साल जनवरी में इस कार्य के पहले चरण की शुरुआत की गई। जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में शुरू हुआ। दूसरे चरण के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
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उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनडीए की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था। इसके बाद दो चरणों में गणना कराने का निर्णय लिया गया। इस साल जनवरी में इस कार्य के पहले चरण की शुरुआत की गई। जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में शुरू हुआ। दूसरे चरण के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
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