पटना, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को फिर से आयोजित कराने की मांग को लेकर मंगलवार को भाकपा (माले), सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने राजभवन मार्च किया। इन लोगों ने राजभवन पहुंचकर विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
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पटना, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को फिर से आयोजित कराने की मांग को लेकर मंगलवार को भाकपा (माले), सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने राजभवन मार्च किया। इन लोगों ने राजभवन पहुंचकर विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
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पटना, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को फिर से आयोजित कराने की मांग को लेकर मंगलवार को भाकपा (माले), सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने राजभवन मार्च किया। इन लोगों ने राजभवन पहुंचकर विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
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भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
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पटना, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को फिर से आयोजित कराने की मांग को लेकर मंगलवार को भाकपा (माले), सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने राजभवन मार्च किया। इन लोगों ने राजभवन पहुंचकर विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
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ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
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इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
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भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
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राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
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पटना, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को फिर से आयोजित कराने की मांग को लेकर मंगलवार को भाकपा (माले), सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने राजभवन मार्च किया। इन लोगों ने राजभवन पहुंचकर विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
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पटना, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को फिर से आयोजित कराने की मांग को लेकर मंगलवार को भाकपा (माले), सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने राजभवन मार्च किया। इन लोगों ने राजभवन पहुंचकर विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
राजभवन से निकलने के बाद सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि आज हम लोगों ने राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा है। अभी नए राज्यपाल का शपथ नहीं हुआ है, इस स्थिति में राज्यपाल के मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है और प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इस कारण इस परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जब नए राज्यपाल आएंगे तब इस ज्ञापन को राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।”
भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मार्च के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र भाजपा और जदयू सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।”
ज्ञापन में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कर पूरे राज्य में पुनर्परीक्षा आयोजित करने, आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा आंदोलनकारी छात्रों और उनके समर्थक, शिक्षक और छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराने और परीक्षा माफिया तंत्र के खात्मे के लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की गई है।