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Home राष्ट्रीय

पर्यटकों के लिए एक अक्‍टूबर से खुलेगा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

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September 8, 2024
in राष्ट्रीय
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पर्यटकों के लिए एक अक्‍टूबर से खुलेगा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
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गुवाहाटी, 8 सितंबर (आईएएनएस)। पांच महीने के मानसून अवकाश के बाद असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) एक अक्टूबर को पर्यटकों के लिए फिर से खुल जाएगा।  अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को दी।

पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

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पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

इस साल वन्यजीवों की मृत्यु में 167 हॉग डियर, 10 गैंडे, दो दलदली हिरण और दो सांभर शामिल हैं।

वहीं 10 हॉग डियर सहित 14 जंगली जानवरों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।

मानसून की शुरुआत के साथ, विश्व प्रसिद्ध यह पार्क हर साल मई में बंद हो जाता है।

भारत का सातवां (प्राकृतिक रूप से चौथा) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, केएनपी और टीआर गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ सहित असम के कई जिलों में फैला हुआ है।

यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान न केवल 2,613 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, जंगली भैंस और कई अन्य पशु प्रजातियों का भी घर है। यह 125 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षियों का भी निवास स्थान है।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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गुवाहाटी, 8 सितंबर (आईएएनएस)। पांच महीने के मानसून अवकाश के बाद असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) एक अक्टूबर को पर्यटकों के लिए फिर से खुल जाएगा।  अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को दी।

पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

इस साल वन्यजीवों की मृत्यु में 167 हॉग डियर, 10 गैंडे, दो दलदली हिरण और दो सांभर शामिल हैं।

वहीं 10 हॉग डियर सहित 14 जंगली जानवरों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।

मानसून की शुरुआत के साथ, विश्व प्रसिद्ध यह पार्क हर साल मई में बंद हो जाता है।

भारत का सातवां (प्राकृतिक रूप से चौथा) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, केएनपी और टीआर गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ सहित असम के कई जिलों में फैला हुआ है।

यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान न केवल 2,613 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, जंगली भैंस और कई अन्य पशु प्रजातियों का भी घर है। यह 125 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षियों का भी निवास स्थान है।

–आईएएनएस

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गुवाहाटी, 8 सितंबर (आईएएनएस)। पांच महीने के मानसून अवकाश के बाद असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) एक अक्टूबर को पर्यटकों के लिए फिर से खुल जाएगा।  अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को दी।

पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

इस साल वन्यजीवों की मृत्यु में 167 हॉग डियर, 10 गैंडे, दो दलदली हिरण और दो सांभर शामिल हैं।

वहीं 10 हॉग डियर सहित 14 जंगली जानवरों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।

मानसून की शुरुआत के साथ, विश्व प्रसिद्ध यह पार्क हर साल मई में बंद हो जाता है।

भारत का सातवां (प्राकृतिक रूप से चौथा) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, केएनपी और टीआर गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ सहित असम के कई जिलों में फैला हुआ है।

यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान न केवल 2,613 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, जंगली भैंस और कई अन्य पशु प्रजातियों का भी घर है। यह 125 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षियों का भी निवास स्थान है।

–आईएएनएस

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गुवाहाटी, 8 सितंबर (आईएएनएस)। पांच महीने के मानसून अवकाश के बाद असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) एक अक्टूबर को पर्यटकों के लिए फिर से खुल जाएगा।  अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को दी।

पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

इस साल वन्यजीवों की मृत्यु में 167 हॉग डियर, 10 गैंडे, दो दलदली हिरण और दो सांभर शामिल हैं।

वहीं 10 हॉग डियर सहित 14 जंगली जानवरों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।

मानसून की शुरुआत के साथ, विश्व प्रसिद्ध यह पार्क हर साल मई में बंद हो जाता है।

भारत का सातवां (प्राकृतिक रूप से चौथा) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, केएनपी और टीआर गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ सहित असम के कई जिलों में फैला हुआ है।

यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान न केवल 2,613 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, जंगली भैंस और कई अन्य पशु प्रजातियों का भी घर है। यह 125 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षियों का भी निवास स्थान है।

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पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

इस साल वन्यजीवों की मृत्यु में 167 हॉग डियर, 10 गैंडे, दो दलदली हिरण और दो सांभर शामिल हैं।

वहीं 10 हॉग डियर सहित 14 जंगली जानवरों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।

मानसून की शुरुआत के साथ, विश्व प्रसिद्ध यह पार्क हर साल मई में बंद हो जाता है।

भारत का सातवां (प्राकृतिक रूप से चौथा) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, केएनपी और टीआर गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ सहित असम के कई जिलों में फैला हुआ है।

यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान न केवल 2,613 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, जंगली भैंस और कई अन्य पशु प्रजातियों का भी घर है। यह 125 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षियों का भी निवास स्थान है।

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पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

इस साल वन्यजीवों की मृत्यु में 167 हॉग डियर, 10 गैंडे, दो दलदली हिरण और दो सांभर शामिल हैं।

वहीं 10 हॉग डियर सहित 14 जंगली जानवरों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।

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यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान न केवल 2,613 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, जंगली भैंस और कई अन्य पशु प्रजातियों का भी घर है। यह 125 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षियों का भी निवास स्थान है।

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पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

इस साल वन्यजीवों की मृत्यु में 167 हॉग डियर, 10 गैंडे, दो दलदली हिरण और दो सांभर शामिल हैं।

वहीं 10 हॉग डियर सहित 14 जंगली जानवरों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।

मानसून की शुरुआत के साथ, विश्व प्रसिद्ध यह पार्क हर साल मई में बंद हो जाता है।

भारत का सातवां (प्राकृतिक रूप से चौथा) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, केएनपी और टीआर गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ सहित असम के कई जिलों में फैला हुआ है।

यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान न केवल 2,613 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, जंगली भैंस और कई अन्य पशु प्रजातियों का भी घर है। यह 125 से अधिक प्रजातियों के हजारों पक्षियों का भी निवास स्थान है।

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पार्क को फिर से खोलने के कार्यक्रम की एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि सड़कों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और खराब मौसम के कारण, पार्क को केवल तीन रेंजों – काजीरंगा रेंज कोहोरा, वेस्टर्न रेंज, बागोरी और बुरापहाड़ रेंज में जीप सफारी के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

पिछले साल की तरह असम में हाल ही में आई बाढ़ में 200 से अधिक जंगली जानवरों की जान चली गई। इनमें केएनपीटीआर के 10 गैंडे भी शामिल हैं।

केएनपीटीआर अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक थी।

केएनपीटीआर की निदेशक सोनाली घोष ने कहा कि काजीरंगा में इस वर्ष अब तक की सबसे गंभीर बाढ़ आई है। 1 जुलाई को निमाटीघाट में एचएफएल (उच्चतम बाढ़ स्तर) 87.47 मीटर दर्ज किया गया।

वन एवं वन्यजीव अधिकारियों ने 150 से अधिक जंगली जानवरों को भी बचाया है।

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