पटना, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार की चर्चा पलायन के रूप में होती रही है। बिहार से लाखों लोग रोजगार, नौकरी और शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। इस बीच, बिहार बिजनेस कनेक्ट में जिस तरह निवेशकों ने प्रदेश में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई और करार किया है, उससे साफ है कि इससे बिहार में पलायन की रफ्तार को लगाम लगाया जा सकेगा।
वैसे, अभी पूरी तरह यह कहना जल्दबाजी है। बिहार सरकार उद्योग धंधों के विस्तार को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। 2023 में 13-14 दिसंबर को दो दिन के निवेशक सम्मेलन में 50,530 करोड़ के निवेश के करार हुए थे जबकि 19 और 20 दिसंबर 2024 को हुए बिहार बिजनेस कनेक्ट में 423 कंपनियों ने 1,80,889 करोड़ रुपए के एमओयू साइन किये हैं। इस तरह से आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष करीब तीन गुना अधिक निवेश के करार हुए हैं।
उद्योग विभाग का दावा है कि पिछले वर्ष हुए करार में से कई कार्य प्रगति पर हैं और कई कार्य पूरे हो चुके हैं।
बिहार बिजनेस कनेक्ट की सफलता पर उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा कहते हैं कि बिहार सरकार आने वाले समय में प्रदेश को देश में निवेश के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जब रोजी-रोजगार के साधन अपने प्रदेश में उपलब्ध होंगे तो स्वाभाविक है कि लोगों का पलायन रुकेगा।
शुक्रवार को संपन्न दो दिवसीय बिहार बिजनेस कनेक्ट की सफलता के बाद माना जा रहा है कि इन करारों के जमीन पर उतरने के बाद दो लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा। खासकर गैर पारंपरिक ऊर्जा, वस्त्र, आईटी और विनिर्माण क्षेत्र में अधिक रोजगार पैदा होंगे।
इस बिजनेस कनेक्ट में सबसे अधिक रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में करीब 90 हजार रुपये के करार हुए हैं जबकि निर्माण के क्षेत्र करीब 55 हजार करोड़ रुपये के करार किए गए। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का करार हुआ है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एएस