कोलकाता, 24 सितंबर (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष को अगले तीन महीनों तक सुपरस्टार और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के बारे में किसी भी प्रकार की ‘सार्वजनिक टिप्पणी’ करने से मना किया।
न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी की एकल पीठ ने चक्रवर्ती द्वारा घोष के खिलाफ दायर 100 करोड़ रुपए के मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए घोष को यह निर्देश दिया।
मानहानि याचिका में, चक्रवर्ती ने घोष पर कुछ सार्वजनिक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया था जो न केवल उनके बारे में, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों के बारे में भी अपमानजनक थीं। चक्रवर्ती ने अपनी याचिका में शिकायत की कि घोष द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों से उनकी सामाजिक छवि भी धूमिल हुई है।
बुधवार को जब मामला सुनवाई के लिए आया, तो चक्रवर्ती के वकील ने अदालत में दलील दी कि घोष द्वारा सार्वजनिक रूप से की गई अपमानजनक टिप्पणियों ने न केवल चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों की सामाजिक छवि को धूमिल किया है, बल्कि एक अभिनेता के रूप में उनकी पेशेवर संभावनाओं को भी प्रभावित किया है।
इस मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद, एकल पीठ ने घोष को इस मामले में नोटिस जारी करने का निर्देश दिया और उन्हें अगले तीन महीनों तक चक्रवर्ती के बारे में किसी भी प्रकार की ‘सार्वजनिक टिप्पणी’ करने से भी रोक दिया।
हाल ही में, घोष ने सुपरस्टार पर चिटफंड संस्थाओं के साथ कथित संलिप्तता का आरोप लगाते हुए कई सार्वजनिक टिप्पणियां की थीं। घोष ने चक्रवर्ती पर राजनीतिक खेमा बदलने को लेकर निशाना साधा था।
चक्रवर्ती ने तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव पर उनके बेटे और पत्नी के बारे में अपमानजनक और असत्य टिप्पणियां करने का भी आरोप लगाया। शुरुआत में, चक्रवर्ती ने घोष को एक कानूनी नोटिस भेजा था। हालांकि, जब नोटिस का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया।
इस मामले की अगली सुनवाई इसी साल दिसंबर में निर्धारित की गई है।
–आईएएनएस
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