कोलकाता, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग राज्य में संचालित विभिन्न स्व-वित्तपोषित निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए शुल्क संरचना तय करेगा।
नये ढांचे के तहत कोई भी निजी इंजीनियरिंग कॉलेज 1.10 लाख रुपये से अधिक वार्षिक ट्यूशन फीस नहीं ले सकेगा।
राज्य शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा, नई संरचना के अनुसार निजी इंजीनियरिंग कॉलेज विकास शुल्क ले सकेंगे, लेकिन यह ट्यूशन फीस के 15 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा, इन निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की फीस अलग-अलग एकमुश्त फीस एक सीमा के तहत होनी चाहिए। एकमुश्त प्रवेश शुल्क भी 10,000 रुपये तय किया जाएगा।
नई संरचना के अनुसार, पुस्तकालय से संबंधित शुल्क 6,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए, जो एक बार भी है।
एकमुश्त छात्र कल्याण शुल्क भी 1,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के मामले में, जिन्हें संबंधित मान्यता एजेंसी से “स्वायत्त” दर्जा दिया गया है, उन्हें नई संरचना के अनुसार 10 प्रतिशत अतिरिक्त ट्यूशन फीस लेने की छूट होगी।
हालांकि, राज्य शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क पूरे पाठ्यक्रम अवधि में केवल एक बार लिया जा सकता है।
राज्य शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा, नए पाठ्यक्रम की फीस चार वर्षीय बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) और पांच वर्षीय बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा) पाठ्यक्रमों के लिए लागू होगी।
–आईएएनएस
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