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Home खेल

पहली पारी में खराब बल्लेबाजी बनी हार का कारण : शान्तो

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September 22, 2024
in खेल
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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

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दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

–आईएएनएस

आरआर/

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

–आईएएनएस

आरआर/

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

–आईएएनएस

आरआर/

चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने भारत के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली बांग्लादेश की हार का चरणों के हिसाब से आकलन करने के बाद कहा कि अगर दूसरे दिन उनकी टीम ने 40 के स्कोर पर पांच विकेट नहीं गंवाए होते तो उनकी टीम अधिक बेहतर स्थिति में होती। बांग्लादेश दूसरी पारी में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई जबकि पहली पारी में पूरी टीम स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 149 रन ही जोड़ पाई थी।

शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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शान्तो ने मैच के बाद कहा, “हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। वो मैच का सबसे महत्वपूर्ण चरण था। अगर शीर्ष क्रम में एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम बेहतर स्थिति में होते। शीर्ष क्रम के सामने हमेशा और विशेषकर पहली पारी में बेहतर करने की चुनौती रहेगी ही। महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनौती का कैसे सामना कर रहे हैं। हम इस संबंध में काम तो कर रहे हैं लेकिन हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं।”

दूसरी पारी में बांग्लादेश की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 62 रन ज़रूर जोड़े लेकिन तब बांग्लादेश के सामने 515 रनों का विशालकाय लक्ष्य था।

शान्तो ने कहा, “विकेट पर समय बिताना बेहतर रहता है लेकिन आज यह काफ़ी नहीं था। हालांकि यह दूसरे टेस्ट में हमारी मदद ज़रूर करेगा। सलामी जोड़ी के लिए यह रन बहुत महत्वपूर्ण थे और अगले टेस्ट मैच में हमें उनसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।”

शान्तो ने 11 टेस्ट पारियों बाद अर्धशतक लगाया और अपनी इस पारी में उन्होंने आठ चौके और तीन छक्के लगाए। उनकी इस पारी से भी उन्हें और बांग्लादेश को काफ़ी आत्मविश्वास मिलेगा हालांकि ख़ुद उन्हें लगता है कि वो और बेहतर कर सकते थे।

“मैं ऐसी परिस्थिति में इसी तरह बल्लेबाज़ी करता हूं। मेरी योजना स्पष्ट थी। मुझे लगता है कि हर किसी की अलग रणनीति होती है। मुझे लगता है कि भारत अगले मैच में अलग तरह की रणनीति के साथ उतरेगा।”

शान्तो के अनुसार चौथे दिन की सुबह में परिस्थिति बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं थी। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत 158 पर चार के स्कोर से की थी और शान्तो को शुरुआत में मोहम्मद सिराज को खेलने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

“सुबह का सत्र कठिन था, जिस तरह से सिराज और अन्य गेंदबाज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। शाकिब ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की। हमने टीम के लिए अपना योगदान देने की कोशिश की। जितना संभव हो सके हमने अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। सुबह का सत्र हमारे लिए सकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद हमने बेहतर बल्लेबाज़ी नहीं की।”

शाकिब अल हसन और शान्तो की साझेदारी को तोड़ने के लिए रोहित शर्मा रविचंद्रन अश्विन को आक्रमण पर लेकर आए और अश्विन ने अपने कप्तान को निराशा नहीं किया। इसके बाद 40 रनों के भीतर ही शेष विकेट गिर गए। अगले टेस्ट से पहले शान्तो की पारी और सलामी जोड़ी की छोटा पलटवार बांग्लादेश के लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन कानपुर में भी अगर अधिकतर बल्लेबाज़ ऐसे ही विफल रहे तो बांग्लादेश के लिए वहां भी मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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