deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ, इस साल मारे गए 14 अल्पसंख्यक

by
December 7, 2022
in ताज़ा समाचार
0
पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ, इस साल मारे गए 14 अल्पसंख्यक
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

READ ALSO

ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता पर तिरंगामय हुई नरेला विधानसभा

ग्राम सेमरा में वारदात से दहशत, आरोपी गिरफ्तार

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

–आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता पर तिरंगामय हुई नरेला विधानसभा

May 24, 2025
ग्राम सेमरा में वारदात से दहशत, आरोपी गिरफ्तार
जबलपुर

ग्राम सेमरा में वारदात से दहशत, आरोपी गिरफ्तार

May 24, 2025
उदयनिधि स्टालिन: डीएमके पीएम मोदी या ईडी से नहीं डरती है
ताज़ा समाचार

उदयनिधि स्टालिन: डीएमके पीएम मोदी या ईडी से नहीं डरती है

May 24, 2025
पुलिस के ऑपरेशन मुस्कान ने लौटाई स्लीमनाबाद के पीड़ित परिवारों की खुशिया
जबलपुर

पुलिस के ऑपरेशन मुस्कान ने लौटाई स्लीमनाबाद के पीड़ित परिवारों की खुशिया

May 24, 2025
ताज़ा समाचार

मुंबई के जेजे अस्पताल में चमत्कारी सर्जरी, मरीज की आंख से 13 सेमी का बाहरी पदार्थ निकाला

May 24, 2025
बस की टक्कर से महिला की मौत
जबलपुर

बस की टक्कर से महिला की मौत, विरोध में जाम

May 24, 2025
Next Post
पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ, इस साल मारे गए 14 अल्पसंख्यक

पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ, इस साल मारे गए 14 अल्पसंख्यक

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

पर्यावरण को सड़क सुरक्षा अभियान का हिस्सा बनाएं : एनजीटी अध्यक्ष

पर्यावरण को सड़क सुरक्षा अभियान का हिस्सा बनाएं : एनजीटी अध्यक्ष

January 17, 2023

ग्लैमर और सब्सटेंस का मिश्रण है फिल्म ‘हीरो हीरोइन’ : दिव्या खोसला कुमार

January 24, 2024
भारतीय मुक्केबाज़ों की नजरें इटली में पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने पर

भारतीय मुक्केबाज़ों की नजरें इटली में पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने पर

March 2, 2024

क्रिप्टो एक्सचेंजों के खिलाफ एसईसी की कार्रवाइयों का स्पष्ट संदेश, खरीदार सावधान रहें

June 11, 2023
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

082413
Total views : 5880128
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Notifications