कोलकाता, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में भारत-नेपाल सीमा पर एक पाकिस्तानी महिला और उसके बेटे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। विपक्ष ने अवैध घुसपैठ के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुये कहा कि सीमा सुरक्षा केंद्र के दायरे में आती है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तानी घुसपैठिए जानते हैं कि मौजूदा तृणमूल कांग्रेस शासन के तहत पश्चिम बंगाल उनके लिए एक सुरक्षित क्षेत्र है।”
उन्होंने कहा, “कई रोहिंग्या यहां बस रहे हैं। ये घुसपैठिये उन मुस्लिम परिवारों के लिए भी गंभीर खतरा हैं जो पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि एक कारण यह है कि रोहिंग्या पश्चिम बंगाल को “सुरक्षित क्षेत्र” के रूप में देखते हैं।
उन्होंने कहा, “कुल 55 इस्लामिक देशों ने रोहिंग्याओं को आश्रय देने से इनकार कर दिया है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के लिए एक समर्पित वोट बैंक सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आश्रय दिया है। सत्तारूढ़ दल रोहिंग्याओं को उनके आधार और मतदाता फोटो पहचान पत्र प्राप्त करने में मदद करता है।”
विपक्ष के नेता ने कहा, “खारदाह में पिछले उपचुनाव में एक बांग्लादेशी नागरिक को उस समय पकड़ लिया गया जब वह वोट देने आया था।”
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने अधिकारी के आरोपों का खंडन किया और केंद्र सरकार पर पाकिस्तान से घुसपैठ रोकने में “विफलता” का आरोप लगाया है।
वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, “सीमा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल जिम्मेदार हैं और उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि अवैध घुसपैठ न हो। लेकिन चूंकि अवैध घुसपैठ हो रही है, इसलिए यह स्पष्ट है कि केंद्रीय बल अपना कार्य कुशलता से नहीं कर रहे हैं। इसलिए जिम्मेदारी केंद्र सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की भी है। अब, विपक्ष के नेता हम पर दोष मढ़कर उस अक्षमता को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
–आईएएनएस
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