इस्लामाबाद, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणाएं करने के लिए अयोग्य घोषित करने के बाद पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) उन्हें उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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इस्लामाबाद, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणाएं करने के लिए अयोग्य घोषित करने के बाद पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) उन्हें उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
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रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
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इस्लामाबाद, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणाएं करने के लिए अयोग्य घोषित करने के बाद पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) उन्हें उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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इस्लामाबाद, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणाएं करने के लिए अयोग्य घोषित करने के बाद पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) उन्हें उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है। ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं। इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है।
पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है। बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।