इस्लामाबाद, 31 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान की वित्त और राजस्व मंत्री आइशा गौस पाशा ने बुधवार को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की आलोचना की। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
आइशा गौस पाशा ने पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति के बारे में आईएमएफ मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के बयान को असाधारण बताते हुए कहा, पाकिस्तान का आचरण कानून के अनुरूप है।
हालांकि, आईएमएफ घरेलू राजनीति पर कोई टिप्पणी नहीं करता है, लेकिन पोर्टर ने कहा था कि फंड को उम्मीद है कि संविधान और कानून के शासन के अनुरूप एक शांतिपूर्ण रास्ता खोजा जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 9 जून को पेश होने वाले फेडरल बजट की घोषणा से पहले दोनों पक्ष एक स्टाफ-लेवल समझौते पर पहुंचेंगे। आगे कहा कि देरी न तो पाकिस्तान के लिए अच्छी है और न ही फंड के लिए।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. पाशा ने रिपोटरें की पुष्टि की कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से संपर्क किया और कहा कि पीएम ने फंड के प्रमुख को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान अपने सभी दायित्वों को पूरा करेगा।
प्रधानमंत्री ने 27 मई को जॉर्जीवा से संपर्क किया और उनसे अनुरोध किया कि पाकिस्तान को रुकी हुई 6.5 बिलियन डॉलर की सहायता को पुनर्जीवित करने में मदद करें।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने लंबित 9वीं समीक्षा को पूरा करने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने की अपील की, जिससे नकदी संकट से जूझ रहे देश के लिए 1.1 अरब डॉलर का वित्तपोषण होगा।
मंत्री ने 30 जून को कार्यक्रम की समाप्ति से पहले फंड को समझाने में विफल रहने की स्थिति में पाकिस्तान की कार्ययोजना के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, वित्त मंत्रालय आंखें बंद करके नहीं बैठे हैं, हमेशा एक प्लान बी होता है लेकिन हमारी प्राथमिकता आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित करना है।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम