इस्लामाबाद, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने पिछले साल देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया। पाकिस्तान का कहना है कि सिर्फ ‘राजनीति से प्रेरित रिपोर्ट’ ही गाजा में चिंताजनक स्थिति को नजरअंदाज कर सकती है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है और जमीनी हकीकत से पूरी तरह परे है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
पाकिस्तानी सरकार नागरिक समाज कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों को डराती है या उनके खिलाफ प्रतिशोध चाहती है।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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इस्लामाबाद, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने पिछले साल देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया। पाकिस्तान का कहना है कि सिर्फ ‘राजनीति से प्रेरित रिपोर्ट’ ही गाजा में चिंताजनक स्थिति को नजरअंदाज कर सकती है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है और जमीनी हकीकत से पूरी तरह परे है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है और जमीनी हकीकत से पूरी तरह परे है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है और जमीनी हकीकत से पूरी तरह परे है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है और जमीनी हकीकत से पूरी तरह परे है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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इस्लामाबाद, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने पिछले साल देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया। पाकिस्तान का कहना है कि सिर्फ ‘राजनीति से प्रेरित रिपोर्ट’ ही गाजा में चिंताजनक स्थिति को नजरअंदाज कर सकती है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, “यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।”
विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है और जमीनी हकीकत से पूरी तरह परे है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है।
22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
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